नारायणपुर: 28 दिसंबर को संघर्ष समिति के सदस्यों से कलेक्टर ने मुलाकात की. सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया और संघर्ष समिति के सदस्यों ने आमदई खदान का मुआयना किया. खदान में निको के कर्मचारियों और पुलिस बल की मौजूदगी से ग्रामीणों में आक्रोश था. ग्रामीण हजारों की संख्या में रैली की शक्ल में छोटेडोंगर में नारेबाजी की. ग्रामीणों ने 7 किलोमीटर पैदल चलकर आमदई खदान में डेरा डाल दिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि कलेक्टर से मुलाकात की गई. खदान को निष्कर्ष निकलने तक बंद रखने के निर्देश हैं. आमदई में निको का काम बंद रखा जाएगा. बावजूद इसके निको के कर्मचारी और पुलिस बल आमदई खदान में मौजूद है. अब जब तक प्रशासन पुलिस बल को आमदई खदान से नहीं हटाएगी, तब तक हम खदान से नहीं हटेंगे.
धौड़ाई और छोटेडोंगर में ग्रामीणों ने किया था आंदोलन
हजारों ग्रामीण सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले आंदोलनरत हैं. हजारों ग्रामीण चक्काजाम और धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि आमदाई खदान को बंद किया जाए. धौड़ाई और छोटेडोंगर में आंदोलन के बाद 15 दिन का समय मांगा गया था. नारायणपुर कलेक्टर और एसपी ने समय मांगा था. अब तक ग्रामीणों को संतोष जवाब नहीं मिला है. फिर से आंदोलन प्रारंभ किया है.
कड़ाके की ठंड में हजारों ग्रामीणों का खदान में डाला डेरा
ग्रामीण 27 दिसंबर को जिला मुख्यालय की ओर निकले थे. पुलिस और जिला प्रशासन ने बैरिकेड्स लगाकर लोगों को रास्ते पर रोक लिया था. कलेक्टर एसपी और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक हुई. बैठक में कोई हल नहीं निकला. आमदाई खदान को बंद कराने के लिए कड़ाके की ठंड में हजारों ग्रामीण डेरा डाले हुए हैं.