ETV Bharat / state

गांव के ODF घोषित होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण

नारायणपुर विकासखंड में सरपंच, सचिव और अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई गांव में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. जिसके कारण ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. वहीं इन गांवों को शौचालय निर्माण के बिना ही ODF घोषित किया गया है, जिसकी वजह से अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं.

Villagers forced to defecate in the open
खुले में शौच जाने के लिए मजबूर ग्रामीण
author img

By

Published : Jul 19, 2020, 1:38 PM IST

नारायणपुर : देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण के लिए शासन की ओर से अनुदान की राशि मुहैया कराई गई, जिसकी मदद से शौचालय बनाए गए और गांव को ODF घोषित किया गया. लेकिन ODF घोषित होने के बावजूद कई गांव में आज भी लोगों को खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

Rural upset due to lack of toilets
शौचालय निर्माण नहीं होने से ग्रामीण परेशान

नारायणपुर विकासखंड में ऐसे कई गांव हैं, जहां लोगों के घरों में आज तक शौचालय नहीं बन पाए हैं. इस वजह से कई परिवार खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. ग्राम पंचायत खड़कागांव के आश्रित बोरगांव में आज भी 35 से अधिक ऐसे परिवार हैं, जिनके घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है,वहीं कई घरों में बने शौचालय अधूरे हैं. जिसके कारण ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.

सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर

ग्रामीणों ने बताया कि, शौचालय बनाने की जिम्मेदारी सरपंच और सचिव ने अपने हाथों में ली थी. जिससे उन्हें आस थी कि जल्द ही शौचालय बन जाएगा, लेकिन तीन से चार साल बीत जाने के बाद भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. वहीं जब ग्रामीणों ने शौचाालय बनाने की बात जब सरपंच और सचिव से की तो, उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव जायजा लेने के लिए गांव आते ही नहीं. गांववालों का कहना है कि, शौचालय निर्माण को लेकर संबंधित अधिकारियों के चक्कर भी लगाए, लेकिन अफसरों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया, जिसकी वजह से वो परेशान हैं.

Negligence in building toilets
शौचालय निर्माण में लापरवाही

पढ़ें:-महासमुंद: ओडिशा बॉर्डर के पास 600 बोरी खाद से लदा ट्रक जब्त

खुले में शौच जाने के लिए मजबूर
घोटूल पारा में रहने वाली महिला ने बताया कि, चार-पांच साल पहले सरपंच और सचिव ने शौचालय निर्माण करने की बात कही थी. जिसके लिए घरों में गड्ढे खोदे गए थे. निर्माण में देरी होने से गड्ढे में मुर्गी और सुअर जैसे जानवर गिर जाते हैं, जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने गड्ढे को पाट दिया. उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में खुले में शौच जाने से सांप, बिच्छू और कई प्रकार के जहरीले जीवों का खतरा बना रहता है, लेकिन उन्हें मजबूरी में जाना ही पड़ता है.

पढ़ें:-VIDEO: बांस कटाई को लेकर अफसरों पर भड़का बीट गार्ड- 'कैसे थ्री स्टार लगा लिए, वर्दी उतरवा दूंगा खड़े-खड़े'

जवाबदेही से बचने में जुटे जिम्मेदार
बता दें कि सरकार ने ग्राम पंचायत को ODF भी घोषित किया है. ग्रामीण का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ दस्तावेज में तो शौचालय का निर्माण किया गया है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में स्वच्छता अभियान और ओडीएफ गांव की हकीकत पर सवाल उठना स्वाभाविक है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी इस पर जवाबदेही से बचने की कोशिश में जुटे हैं.

नारायणपुर : देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में शौचालय निर्माण के लिए शासन की ओर से अनुदान की राशि मुहैया कराई गई, जिसकी मदद से शौचालय बनाए गए और गांव को ODF घोषित किया गया. लेकिन ODF घोषित होने के बावजूद कई गांव में आज भी लोगों को खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

Rural upset due to lack of toilets
शौचालय निर्माण नहीं होने से ग्रामीण परेशान

नारायणपुर विकासखंड में ऐसे कई गांव हैं, जहां लोगों के घरों में आज तक शौचालय नहीं बन पाए हैं. इस वजह से कई परिवार खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. ग्राम पंचायत खड़कागांव के आश्रित बोरगांव में आज भी 35 से अधिक ऐसे परिवार हैं, जिनके घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है,वहीं कई घरों में बने शौचालय अधूरे हैं. जिसके कारण ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.

सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर

ग्रामीणों ने बताया कि, शौचालय बनाने की जिम्मेदारी सरपंच और सचिव ने अपने हाथों में ली थी. जिससे उन्हें आस थी कि जल्द ही शौचालय बन जाएगा, लेकिन तीन से चार साल बीत जाने के बाद भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. वहीं जब ग्रामीणों ने शौचाालय बनाने की बात जब सरपंच और सचिव से की तो, उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव जायजा लेने के लिए गांव आते ही नहीं. गांववालों का कहना है कि, शौचालय निर्माण को लेकर संबंधित अधिकारियों के चक्कर भी लगाए, लेकिन अफसरों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया, जिसकी वजह से वो परेशान हैं.

Negligence in building toilets
शौचालय निर्माण में लापरवाही

पढ़ें:-महासमुंद: ओडिशा बॉर्डर के पास 600 बोरी खाद से लदा ट्रक जब्त

खुले में शौच जाने के लिए मजबूर
घोटूल पारा में रहने वाली महिला ने बताया कि, चार-पांच साल पहले सरपंच और सचिव ने शौचालय निर्माण करने की बात कही थी. जिसके लिए घरों में गड्ढे खोदे गए थे. निर्माण में देरी होने से गड्ढे में मुर्गी और सुअर जैसे जानवर गिर जाते हैं, जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने गड्ढे को पाट दिया. उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में खुले में शौच जाने से सांप, बिच्छू और कई प्रकार के जहरीले जीवों का खतरा बना रहता है, लेकिन उन्हें मजबूरी में जाना ही पड़ता है.

पढ़ें:-VIDEO: बांस कटाई को लेकर अफसरों पर भड़का बीट गार्ड- 'कैसे थ्री स्टार लगा लिए, वर्दी उतरवा दूंगा खड़े-खड़े'

जवाबदेही से बचने में जुटे जिम्मेदार
बता दें कि सरकार ने ग्राम पंचायत को ODF भी घोषित किया है. ग्रामीण का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ दस्तावेज में तो शौचालय का निर्माण किया गया है, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में स्वच्छता अभियान और ओडीएफ गांव की हकीकत पर सवाल उठना स्वाभाविक है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी इस पर जवाबदेही से बचने की कोशिश में जुटे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.