नारायणपुर: जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर अबूझमाड़ प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कुरूषनार के थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह को पद से हटाने की मांग लेकर ग्रामणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है. कुरूषनार थाना प्रभारी के रवैया से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि थाना प्रभारी आए दिन वाहन चेकिंग के नाम से अवैध वसूली कर रहे हैं. ग्रामीणों को डराना और धमकाया भी जा रहा है.
ग्राम पंचायत के उप सरपंच का कहना है कि जिला प्रशासन के विभिन्न मदों के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई है. ऐसे में रेत गिट्टी इत्यादि की ढुलाई हेतु गाड़ी लगाया जाता है. उक्त गाड़ी को कुरुसनार थाना में रोककर वाहन चालक से पैसों की मांग की जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें बुरी तरह परेशान किया जा रहा है. पुलिस थाना के शौचालय को डरा धमकाकर साफ कराया जा रहा है. ग्रामीण डर और भय के बीच रोज साफ-सफाई का कार्य थाना में करते हैं.
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ट्रैक्टर को रोका गया
ग्रामीणों ने बताया कि दिनांक 11 जनवरी को 100 मीट्रिक टन गोदाम निर्माण कार्य के लिए लगाए गए दो ट्रैक्टरों को ढुलाई कार्य के दौरान जब्त कर पुलिस थाना के पास दिनभर खड़ा कर दिया गया. बार-बार निवेदन करने बाद भी संबंधित थाना प्रभारी सुनील सिंह ने पैसे का मांग की. देर शाम को रेत से भरे ट्रैक्टर को छोड़ा गया. ट्रैक्टर मालिकों का कहना है कि संबंधित थाना प्रभारी डरा-धमकाकर 15 ट्रिप मिट्टी मुफ्त में थाना परिसर डलवाया है.
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने लगाया आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों से मुर्गा-बकरा की मांग थाना प्रभारी सुनील सिंह करते हैं. क्षेत्र के ग्रामीण और नारायणपुर से आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाता है. अनावश्यक रूप से थाना में रोका भी जाता है.
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थाना प्रभारी ने दी सफाई
थाना प्रभारी का कहना है कि अभी वर्तमान में मुख्यमंत्री का प्रवास नारायणपुर में हुआ था. उक्त संबंध में जांच की प्रक्रिया पूरे नारायणपुर जिले में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा था. जिले में जितने भी निर्माण कार्य चल रहे थे, उन्हें रोका गया था. इस दौरान शायद गांव के कुछ ग्रामीण नाराज हुए हैं. मुझे नहीं पता और किस संबंध में ज्ञापन दिया गया है. थाना प्रभारी ने बताया कि जहां तक मेरी जानकारी में उस दौरान ना ही कोई घटना हुई ना ही किसी के साथ मारपीट किया गया. मुझे आए हुए अभी 2 माह ही हुए हैं. अभी तो मैं ग्राम पंचायत के ग्रामीणों से पूरी तरीके से परिचित भी नहीं हुआ हूं. ग्राम पंचायत के सरपंच, उप सरपंच और कुछ जनप्रतिनिधियों से ही अभी मेरी मुलाकात हो पाई है. फिर भी ऐसी कोई शिकायत है तो मैं स्वयं ग्रामीणों से मिलकर पंचायत के सभी गणमान्य सरपंच, पंच, उपसरपंच से मुलाकात कर इस संबंध में बात करूंगा.