नारायणपुर: ग्रामीणों से मारपीट लूटपाट और महिलाओं का शोषण जैसी घटनाएं आए दिन बढ़ती घटनाओं को लेकर ग्रामीण ने शनिवार को कोहकामेटा थाने का घेराव कर दिया. ग्रामीणों ने जवानों पर आरोप लगाते हुए थाना प्रभारी को हटाने और थाना को बंद करने को लेकर थाने का घेराव किया. 3 से 4 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाइश दी. जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन खत्म किया.
ग्रामीणों का आरोप है कि कोहकामेटा पुलिस कैंप के जवान ग्राम पंचायत कोहकामेटा, कच्चापाल, बेचा, झारवाही के ग्रामीणों से मारपीट, लूटपाट कर महिलाओं का शोषण करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि साल 2020 में भी कानागांव के 10 से 15 सदस्यों से जवानों ने मारपीट की थी. ग्रामीणों ने बताया कि साल 2020 में फागूराम नाम के एक ग्रामीण पर भी लाठीचार्ज किया गया था. इसके अलावा ग्रामीणों ने जवानों पर की गंभीर आरोप लगाए हैं.
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ग्रामीणों को दी जा रही समझाइश
नारायणपुर एएसपी नीरज चंद्राकर ने कहा कि कोहकामेटा थाना क्षेत्र नक्सल मामले में काफी संवेदनशील क्षेत्र है. ग्रामीण किसी भी तरह से नक्सली गतिविधि में शामिल न हो इसके लिए उन्हें थाना बुलाकर समझाइश दी जाती है. अगर इसमें ग्रामीणों को कोई तकलीफ हो रही है तो या उनके साथ गलत व्यवहार हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी. अगर ग्रामीणों की लगता है कि पुलिस वालों ने गलत किया है तो शिकायत से जांच कर लेंगे. पुलिस जनता के सहयोग के लिए है, न कि परेशान करने के लिए. जो नक्सली गतिविधियों में लिप्त रहते हैं उसके खिलाफ कार्रवाई करना पुलिस का उद्देश्य है.
ग्रामीणों को उकसा रहे नक्सली
पुलिस का कहना है कि ग्रामीण जो आरोप लगा रहे हैं वे अनावश्यक रूप से लगाए जा रहे हैं. थाना प्रभारी लगातार नक्सलियों के नेटवर्क तोड़ने के लिए कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में नक्सली भोले-भाले ग्रामीणों को उकसाकर पुलिस और जवानों के खिलाफ माहौल बना रहे हैं. ग्रामीणों को समझाइश दी गई है. अगर व्यक्तिगत रूप से किसी ग्रामीण को कोई समस्या है तो वे बेझिझक होकर पुलिस को बताएं. कुछ भी गलत होगा तो कार्रवाई की जाएगी