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नारायणपुर: कचरे से कंचन बना रही महिलाएं, शहर भी हो रहा साफ

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Published : May 14, 2020, 7:05 PM IST

Updated : May 14, 2020, 7:44 PM IST

नारायणपुर में स्वच्छता दीदियां गीला और सूखा कचरा उठा रही हैं, जिसे डंपिंग यार्ड ले जाती हैं. जहां स्वच्छता दीदियां कचरे से कंचन बना रही हैं. कचरे से महिलाएं खाद भी बना रही हैं, जिससे उनकी अलग से आमदनी हो रही है.

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कचरे से कंचन बना रही महिलाएं

नारायणपुर: नगरीय क्षेत्र नारायणपुर में 14 पंजीकृत स्व सहायता समूह की 49 महिलाएं शहर को खूबसूरत बनाने में जुटी हुई हैं. शहर में रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं, जो तकरीबन 4 टन होता है, जिसमें से 1.6 टन सूखा और लगभग 2.4 टन गीला कचरा शामिल है. समूहों में नारायणपुर मुख्यता सांई शक्ति, जय लक्ष्मी सारोन, मावली माता स्व सहायता समूह की महिलाएं काम कर रही हैं, जिससे शहर स्वच्छ और सुंदर हो रहा है.

Women of self-help groups are picking up garbage from city in narayanpur
रिक्शे से ला रहीं कचरा

सरगुजा: राहत भरी खबर, स्वच्छता दीदियों की रिपोर्ट आई निगेटिव

ये सभी स्वच्छता दीदियां रोजाना सुबह-सुबह घरों से 4 पिकअप और 9 रिक्शों के जरिए कचरा इकट्ठा करती हैं, जिसमें से गीले और सूखे कचरे को एकत्रित करती हैं. कचरा को एकत्रित करने के बाद बखरूपारा और कुम्हारपारा में बने डंपिंग सेंटर और कंचन केन्द्र ले जाती हैं. जहां नगर को कचरे से मुक्ति के साथ-साथ कचरे से कंचन बना रही हैं, जिससे इन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है.

Women of self-help groups are picking up garbage from city
कंचन केंद्र

स्वच्छता दीदियों की पहल, मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया एक दिन का वेतन

डंपिंग सेंटर में कचरे को रिसायकिल करती हैं

स्वच्छता दीदियों ने बताया गीला और सूखा कचरा के लिए अलग-अलग डस्टबिन है, जिसमें वह कचरे को रखती हैं. जिसे डंपिंग सेंटर लाकर कचरे को रिसाइकिल करती हैं. गीला कचरा और सूखा कचरा, प्लास्टिक, लोहा और अन्य सामग्री को अलग कर कबाड़ी को बेच कर देती हैं. गीले कचरे को डूमरतराई स्थित सॉलिड और वेस्ट मेनेजमेंट को खाद बनाने के लिए भेज देती हैं.

Women of self-help groups are picking up garbage from city
कचरे से बना रहे खाद

SPECIAL : कोरोना से सब डरे, लेकिन स्वच्छता दीदियों के नहीं थमे पांव

किसानों को वितरित किया जाएगा खाद

मुख्य नगर पालिका अधिकारी अजय लाल सिंह ने बताया कि यहां खाद का प्रोसेस कर उसे आने वाले दिनों में किसानों को वितरित किया जाएगा. वर्तमान में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रतिमाह 6 हजार रूपए का भुगतान किया जाता है. कोविड-19 के कारण सभी सावधानियां बरती जा रही है. महिलाएं एकत्रित कचरे को इस्तेमाल से पहले हाईपोक्लोरीन छिड़काव कर सैनिटाइज करती हैं. इसके एक घंटे के बाद स्वच्छता दीदियां इस कचरे को छांटकर अलग-अलग करती हैं. साथ ही महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखती हैं.

नारायणपुर: नगरीय क्षेत्र नारायणपुर में 14 पंजीकृत स्व सहायता समूह की 49 महिलाएं शहर को खूबसूरत बनाने में जुटी हुई हैं. शहर में रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं, जो तकरीबन 4 टन होता है, जिसमें से 1.6 टन सूखा और लगभग 2.4 टन गीला कचरा शामिल है. समूहों में नारायणपुर मुख्यता सांई शक्ति, जय लक्ष्मी सारोन, मावली माता स्व सहायता समूह की महिलाएं काम कर रही हैं, जिससे शहर स्वच्छ और सुंदर हो रहा है.

Women of self-help groups are picking up garbage from city in narayanpur
रिक्शे से ला रहीं कचरा

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ये सभी स्वच्छता दीदियां रोजाना सुबह-सुबह घरों से 4 पिकअप और 9 रिक्शों के जरिए कचरा इकट्ठा करती हैं, जिसमें से गीले और सूखे कचरे को एकत्रित करती हैं. कचरा को एकत्रित करने के बाद बखरूपारा और कुम्हारपारा में बने डंपिंग सेंटर और कंचन केन्द्र ले जाती हैं. जहां नगर को कचरे से मुक्ति के साथ-साथ कचरे से कंचन बना रही हैं, जिससे इन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है.

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कंचन केंद्र

स्वच्छता दीदियों की पहल, मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया एक दिन का वेतन

डंपिंग सेंटर में कचरे को रिसायकिल करती हैं

स्वच्छता दीदियों ने बताया गीला और सूखा कचरा के लिए अलग-अलग डस्टबिन है, जिसमें वह कचरे को रखती हैं. जिसे डंपिंग सेंटर लाकर कचरे को रिसाइकिल करती हैं. गीला कचरा और सूखा कचरा, प्लास्टिक, लोहा और अन्य सामग्री को अलग कर कबाड़ी को बेच कर देती हैं. गीले कचरे को डूमरतराई स्थित सॉलिड और वेस्ट मेनेजमेंट को खाद बनाने के लिए भेज देती हैं.

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कचरे से बना रहे खाद

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किसानों को वितरित किया जाएगा खाद

मुख्य नगर पालिका अधिकारी अजय लाल सिंह ने बताया कि यहां खाद का प्रोसेस कर उसे आने वाले दिनों में किसानों को वितरित किया जाएगा. वर्तमान में महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रतिमाह 6 हजार रूपए का भुगतान किया जाता है. कोविड-19 के कारण सभी सावधानियां बरती जा रही है. महिलाएं एकत्रित कचरे को इस्तेमाल से पहले हाईपोक्लोरीन छिड़काव कर सैनिटाइज करती हैं. इसके एक घंटे के बाद स्वच्छता दीदियां इस कचरे को छांटकर अलग-अलग करती हैं. साथ ही महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखती हैं.

Last Updated : May 14, 2020, 7:44 PM IST
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