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'नर्स दीदी', जो अपनी परवाह किए बगैर सैकड़ों लोगों को जिंदगी दे रही हैं

अबूझमाड़ में पदस्थ मितानिन बल्लूरानी बैरागी इलाके के लोगों के ईश्वर के दूत से कम नहीं हैं. पानी में डूबी गली हो या ऊबड़-खाबड़ रास्ते, या फिर हो नक्सलियों के आतंक से पीड़ित गांव, मुसीबतें चाहें कैसी भी हों लेकिन वो बल्लूरानी के हौसलों को डिगा नहीं पाईं.

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Published : Jul 20, 2019, 6:10 PM IST

नारायणपुर: बल्लूरानी बैरागी पिछले 19 साल से अबूझमाड़ और इसके आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का काम कर रही हैं. उन्होंने तमाम दिक्कतों को झेलते हुए भी अपना काम जारी रखा.

स्टोरी पैकेज


पहाड़ी रास्ते, उफनते नदी और नाले पार कर गांव-गांव घूमकर महिलाओं और बच्चों के साथ-साथ गांववालों का इलाज करती हैं. बल्लूरानी पिछले 19 साल से नॉन स्टाप अपनी ड्यूटी निभाकर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य का वरदान दे रही हैं.

1100 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य का रखती हैं ख्याल
कठिन भौगोलिक और असमान्य परिस्थितियों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम बल्लूरानी के नेतृत्व में नारायणपुर और ओरछा विकासखंड के 7 गांव धारावाही, हतलानारा ,धूमा, पीटेकाल, कोडनार, अलवर पहाड़ी पर और कुमनार लगभग 1100 से ज्यादा आबादी के स्वास्थ्य का ख्याल रखती है.

समय पर नहीं पहुंचने का रहता है मलाल
बैरागी ने कुकुर नदी पार कर बच्चों को रोटावायरस और गर्भवती महिलाओं को हकलाना गांव पहुंचकर टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने के अलावा 6 गांव के बीच पड़ने वाले पहाड़ी नालों को पार कर वहां रहने वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं को बुलाकर कर और उसके स्वास्थ्य की जांच करती हैं. कई बार भारी बारिश की वजह से नदी-नाले ऊफान पर रहते हैं, जिसकी वजह से कई बार वो इलाज करने के लिए गांव में नहीं पहुंच पाती, जिसका उन्हें मलाल रहता है.

अफसर भी करते हैं तारीफ
बल्लूरानी बैगारी के काम की विभाग के अफसर भी तारीफ करते नहीं थकते हैं. इसके साथ ही कलेक्टर ने भी नर्स दीदी के काम की तारीफों के पुल बांधे हैं. जिस दौर में सरकारी अस्पताल और डॉक्टरों की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. ऐसे में बल्लूरानी जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही हैं, जिनकी वजह से शायद आज के दौरान में भी डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ईश्वर के तौर पर पूजा जाता है.

नारायणपुर: बल्लूरानी बैरागी पिछले 19 साल से अबूझमाड़ और इसके आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का काम कर रही हैं. उन्होंने तमाम दिक्कतों को झेलते हुए भी अपना काम जारी रखा.

स्टोरी पैकेज


पहाड़ी रास्ते, उफनते नदी और नाले पार कर गांव-गांव घूमकर महिलाओं और बच्चों के साथ-साथ गांववालों का इलाज करती हैं. बल्लूरानी पिछले 19 साल से नॉन स्टाप अपनी ड्यूटी निभाकर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य का वरदान दे रही हैं.

1100 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य का रखती हैं ख्याल
कठिन भौगोलिक और असमान्य परिस्थितियों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम बल्लूरानी के नेतृत्व में नारायणपुर और ओरछा विकासखंड के 7 गांव धारावाही, हतलानारा ,धूमा, पीटेकाल, कोडनार, अलवर पहाड़ी पर और कुमनार लगभग 1100 से ज्यादा आबादी के स्वास्थ्य का ख्याल रखती है.

समय पर नहीं पहुंचने का रहता है मलाल
बैरागी ने कुकुर नदी पार कर बच्चों को रोटावायरस और गर्भवती महिलाओं को हकलाना गांव पहुंचकर टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने के अलावा 6 गांव के बीच पड़ने वाले पहाड़ी नालों को पार कर वहां रहने वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं को बुलाकर कर और उसके स्वास्थ्य की जांच करती हैं. कई बार भारी बारिश की वजह से नदी-नाले ऊफान पर रहते हैं, जिसकी वजह से कई बार वो इलाज करने के लिए गांव में नहीं पहुंच पाती, जिसका उन्हें मलाल रहता है.

अफसर भी करते हैं तारीफ
बल्लूरानी बैगारी के काम की विभाग के अफसर भी तारीफ करते नहीं थकते हैं. इसके साथ ही कलेक्टर ने भी नर्स दीदी के काम की तारीफों के पुल बांधे हैं. जिस दौर में सरकारी अस्पताल और डॉक्टरों की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. ऐसे में बल्लूरानी जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही हैं, जिनकी वजह से शायद आज के दौरान में भी डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ईश्वर के तौर पर पूजा जाता है.

Intro:cg_nyp_02_dabang_himmati _nurse_didi_pkg_CG10020 एंकर -नारायणपुर जिला के अबूझमाड़ में एक ऐसी नर्स जो जान जोखिम में डालकर बच्चों और ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए गाने पहाड़ी उफनती नदियां को भी पार करके इलाज करने गांव गांव घूमकर लोगों का इलाज इलाज करती है पिछले 19 सालों से इस क्षेत्र में ईमानदारी के साथ अपना ड्यूटी निभा रही है। घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ जिले की कठिन भौगोलिक एवं वितरित विषम परिस्थितियों में बी पिछले 19 सालों से गर्भवती महिलाओं के समय पर खुराक और टीकाकरण का ध्यान रखती है बच्चों को लगने वाले टीकाकरण में पूरा पूरा डोज लगाती है। गांव में मरीजों का इलाज कर दवाई वितरण करती है। राज्य सरकार जहा आदिवासियों की अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं शिक्षा और सामुदायिक आर्थिक उन्नति के लिए काम कर रही है तो वही घूर माओवादी प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र जिले के कठिन भौगोलिक एवं विपरीत विषम परिस्थितियों में जिला स्वास्थ्य अमले के लोग भी पीछे नहीं हैं 1100 से ज्यादा आबादी के स्वास्थ्य का ध्यान रखती है बारिश में उफनती नदी नालों को पार कर गर्भवती महिलाओं को बच्चों को समय पर निराकरण कर अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं यहां बात बताने या कहानी कि नहीं वीडियो में सब बातें बयां करते हैं ब्ललूरानी बैरागी 19 साल से नारायणपुर और ओरछा विकासखंड के 7 गांव धारावाही, हतलानारा ,धूमा, पीटेकाल, कोडनार, अलवर पहाड़ी पर और कुमनार लगभग 1100 से ज्यादा आबादी के स्वास्थ्य का ध्यान रखती है बैरागी ने कुकुर नदी पार कर बच्चों को रोटावायरस व गर्भवती महिलाओं को हकलाना पहुंचकर टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने के लावा वे 6 गांव के बीच में पढ़ने वाले पहाड़ी नालों को भी पारकर बच्चों गर्भवती महिलाओं को व्याकरण कर और उसके स्वास्थ्य की जांच करती है गुल्लू रानी बैरागी को भारी बारिश में नदी नाले में ज्यादा पानी होने पर गांव में नहीं पहुंचने का मलाल रहता है उन्होंने बताया कि चारों और से घीरे घने जंगलों पहाड़ों पथरीली और उबड़ खाबड़ रास्तों को पार कर आना जाना पड़ता है।


Body:cg_nyp_02_dabang_himmati _nurse_didi_pkg_CG10020 ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच के लिए नहीं पहुंच पाने का दुख बारिश के मौसम में ही है यहां की स्थिति भयानक हो जाती है सभी मौसम में कई किलोमीटर पैदल ही सफर करना पड़ता है बरसात में पैदल दूरी अधिक हो जाती है लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के समय पर खुराक और टीकाकरण करने पर हमें बहुत सुकून मिलता है उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर हम अपनी तकलीफ भूल जाते हैं भारी बारिश के दौरान ग्रामीणों की स्वास्थ्य की जांच के लिए नहीं पहुंच पाने का दुख रहता है कई बार नदी पार करने के बाद भारी बारिश की बीच नदी नालों में ज्यादा पानी आज जाने के कारण दो-तीन दिनों तक वही गांव में ही रुकना पड़ता है लेकिन गांव वाले कि प्यार और इसने के कारण वक्त का पता नहीं चलता।


Conclusion:स्वास्थ्य विभाग की रूरल हेल्थ ऑर्गेनाइजर आर एच ओ फीमेल नर्स बुल्लू रानी बैरागी, और आर एच ओ पुरुष मेल अरविंद त्रिपाठी यहां काम मिलकर पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं और साथ में मितानिन ट्रेनर अश्वनी कुकुर नदी को पार कर अपने कर्तव्य स्थल तक पहुंचते हैं जहां उन्होंने छोटे बच्चों को रोटावायरस की खुराक हर सप्ताह साथ ही गर्भवती महिलाओं को समय पर टीकाकरण करते हैं। क्षेत्र बहुत ज्यादा भीड़ होने के कारण बहुत दूर तक पैदल जाना पड़ता है बारिश के दिनों में मच्छर से मलेरिया और टाइफाइड होने का खतरा रहता है ज्यादा चलने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में अक्सर डिहाइड्रेशन होती है जिसके कारण ड्यूटी कर रहे हैं हमारे स्टाफ का भी तबीयत खराब हो जाता है जिसका ध्यान हमको रखना पड़ता है और खुद का इलाज भी हमको करना पड़ता है। बाइट -पी एल ऐलमा कलेक्टर नारायणपुर बाइट -एस गोटा सीएमएचओ जिला स्वास्थ्य अधिकारी नारायणपुर बाइक -ब्लूरानी बैरागी आर एच ओ महिला नर्स बाइट -अरविंद त्रिपाठी आर एच ओ पुरुष नर्स बाइक -कुमारी अश्वनी मितानिन ट्रेनर बाइट -ग्रामीण मितानिन बाइट -ग्रामीण
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