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नारायणपुर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी धौड़ाई की महिला सरपंच

जनपद पंचायत नारायणपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत धौड़ाई में सरपंच के खिलाफ पंचों द्वारा पारित अविश्वास प्रस्ताव में मतदान के पश्चात सरपंच को हटा दिया गया है.

Up-Sarpanch who opened front against Sarpanch
सरपंच के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उप-सरपंच
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Published : Aug 24, 2021, 12:00 PM IST

नारायणपुरः नारायणपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत धौड़ाई में सरपंच गोमती देहारी के डेढ़ साल से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान ग्रामीणों सहित पंचायत के पंचों ने कई आरोप लगाए थे. निर्माण कार्यों के आलावा अन्य मदों की राशि पर भ्रष्टाचार और पंचायत कार्य प्रणाली में लापरवाही के सवाल खड़े हो रहे थे. इसी को लेकर ग्राम पंचायत के 14 पंचों में से 12 पंचों ने महिला सरपंच के खिलाफ मतदान किया. जिसके बाद सरपंच को हटा दिया गया.

सरपंच के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उप सरपंच

16 अप्रैल 2021 को ग्राम पंचायत धौड़ाई के सरपंच के खिलाफ पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव पारित कर अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण जिले में धारा 144 लागू थी. इसके चलते प्रस्ताव पारित होने के 129 दिन बाद अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए ग्राम पंचायत धौड़ाई के सभा कक्ष में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 21 एवं छत्तीसगढ़ पंचायत (ग्राम पंचायत के सरपंच तथा उप सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव) नियम 1994 के तहत बैठक आयोजित की गई थी. पीठासीन अधिकारी के रूप में सुनील सोनपिपरे तहसीलदार नारायणपुर उपस्थित थे.

अगले सरपंच के चुने जाने तक पंचों में से ही किसी पंच को सरपंच नियुक्त किया जाएगा. मतदान के दौरान ग्राम पंचायत के पंचों में सरपंच की कार्यशैली को लेकर काफी असंतोष एवं नाराजगी देखने को मिल रही थी. अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा सरपंच के हटते ही पूरे जिले के ग्राम पंचायतों में हड़कंप मच गया है.


बेमेतरा में स्टील-पॉवर प्लांट नहीं लगाने को ले ग्रामीणों ने सीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

अविश्वास प्रस्ताव लाने का जिले में पहला मामलाः

साल 2020 में हुए पंचायत राज चुनावों के इस सत्र में जिले में पहली बार किसी ग्राम पंचायत में सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 14 पंचों में से 12 पंचों में एकमत होकर अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था जो आज मौजूदा सरपंच के खिलाफ प्रस्ताव लाकर उसके खिलाफ मोर्चा खोला गया है. सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष बिसेल नाग इस मामले को लेकर काफी गंभीर थे. उन्होंने सरपंच और पंचों के बीच मतभेद को सुलझाने का पूरा प्रयास किया, परंतु ग्राम पंचायत धौड़ाई के पंच और सरपंच के बीच के मसले को सुलझाने में वो असफल रहे. सरपंच के डेढ़ वर्ष से अधिक के कार्यकाल के दौरान ग्रामीणों सहित पंचायत के पंचों ने पंचायत के निर्माण कार्यों के आलावा अन्य मदों के राशि पर भ्रष्टाचार और पंचायत कार्य प्रणाली में लापरवाही के आरोप लगाये हैं.

उप-सरपंच धौड़ाई ने कहा कि ग्राम पंचायत के 14 पंचों में से 12 पंचों में एक मत हो कर अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था, मौजूदा सरपंच के खिलाफ प्रस्ताव लाकर उसके खिलाफ मोर्चा खोला गया है.

नारायणपुरः नारायणपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत धौड़ाई में सरपंच गोमती देहारी के डेढ़ साल से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान ग्रामीणों सहित पंचायत के पंचों ने कई आरोप लगाए थे. निर्माण कार्यों के आलावा अन्य मदों की राशि पर भ्रष्टाचार और पंचायत कार्य प्रणाली में लापरवाही के सवाल खड़े हो रहे थे. इसी को लेकर ग्राम पंचायत के 14 पंचों में से 12 पंचों ने महिला सरपंच के खिलाफ मतदान किया. जिसके बाद सरपंच को हटा दिया गया.

सरपंच के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उप सरपंच

16 अप्रैल 2021 को ग्राम पंचायत धौड़ाई के सरपंच के खिलाफ पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव पारित कर अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण जिले में धारा 144 लागू थी. इसके चलते प्रस्ताव पारित होने के 129 दिन बाद अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए ग्राम पंचायत धौड़ाई के सभा कक्ष में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 21 एवं छत्तीसगढ़ पंचायत (ग्राम पंचायत के सरपंच तथा उप सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव) नियम 1994 के तहत बैठक आयोजित की गई थी. पीठासीन अधिकारी के रूप में सुनील सोनपिपरे तहसीलदार नारायणपुर उपस्थित थे.

अगले सरपंच के चुने जाने तक पंचों में से ही किसी पंच को सरपंच नियुक्त किया जाएगा. मतदान के दौरान ग्राम पंचायत के पंचों में सरपंच की कार्यशैली को लेकर काफी असंतोष एवं नाराजगी देखने को मिल रही थी. अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा सरपंच के हटते ही पूरे जिले के ग्राम पंचायतों में हड़कंप मच गया है.


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अविश्वास प्रस्ताव लाने का जिले में पहला मामलाः

साल 2020 में हुए पंचायत राज चुनावों के इस सत्र में जिले में पहली बार किसी ग्राम पंचायत में सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 14 पंचों में से 12 पंचों में एकमत होकर अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था जो आज मौजूदा सरपंच के खिलाफ प्रस्ताव लाकर उसके खिलाफ मोर्चा खोला गया है. सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष बिसेल नाग इस मामले को लेकर काफी गंभीर थे. उन्होंने सरपंच और पंचों के बीच मतभेद को सुलझाने का पूरा प्रयास किया, परंतु ग्राम पंचायत धौड़ाई के पंच और सरपंच के बीच के मसले को सुलझाने में वो असफल रहे. सरपंच के डेढ़ वर्ष से अधिक के कार्यकाल के दौरान ग्रामीणों सहित पंचायत के पंचों ने पंचायत के निर्माण कार्यों के आलावा अन्य मदों के राशि पर भ्रष्टाचार और पंचायत कार्य प्रणाली में लापरवाही के आरोप लगाये हैं.

उप-सरपंच धौड़ाई ने कहा कि ग्राम पंचायत के 14 पंचों में से 12 पंचों में एक मत हो कर अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था, मौजूदा सरपंच के खिलाफ प्रस्ताव लाकर उसके खिलाफ मोर्चा खोला गया है.

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