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Raja Kamal Chandra Bhanj Deo: नारायणपुर में आदिवासी ग्रामीणों से मिले राजा कमलचंद्र भंजदेव, बोले- धर्मांतरण है दीमक की तरह

Raja Kamal Chandra Bhanj Deo:बस्तर के राजा कमलचंद्र भंजदेव नारायणपुर के आदिवासी ग्रामीणों से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों को धर्मांतरण से दूर रहने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण समाज का बड़ा दीमक है, जो समाज को धीरे-धीरे खोखला कर रहा है. Conversion Big Termite Of Society

Raja Kamal Chandra Bhanj Deo
राजा कमलचंद्र भंजदेव
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 19, 2023, 11:04 PM IST

धर्मांतरण पर राजा कमलचंद्र भंजदेव का बयान

नारायणपुर: बस्तर के राजा कमलचंद्र भंजदेव अपने दो दिवसीय प्रवास पर नारायणपुर पहुंचे. मंगलवार को सबसे पहले एड़का परगना के एड़का गांव और करंगाल परगना के बावड़ी गांव पहुंचे. राजा कमलचंद्र ने यहां आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. करीब 9 वर्ष बाद राजा को अपने बीच पाकर क्षेत्रवासियों की खुशी की कोई ठिकाना न रहा. इस दौरान क्षेत्र वासियों ने ढोल-नगाड़े बजाकर राजा का भव्य स्वागत किया.

राजा ने सभा को किया संबोधित: सबसे पहले राजा कमलचंद्र भंजदेव ने यहां मौजूद मंदिर में पूजा अर्चना की. फिर सभा को संबोधित किया. इन दौरान राजा ने कहा कि, "राजा दो समय घर से बाहर निकलता है. तब जब समाज में कोई बड़ी विपत्ति आई हो. या फिर तब जब समाज में कोई दिक्कत हो. एक भाई दूसरे भाई से लड़ रहा है. एक समाज दूसरे समाज से लड़ रहा है, इस समय राजा महाराजा को बाहर निकलना पड़ता है."

धर्मांतरण बहुत बड़ा दीमक है, जो बस्तर के समाज में लग गया है. ये दीमक लोगों को अंदर से खोखला कर देगा. धर्मांतरण आदिवासी समाज को तोड़ने के लिए किया जा रहा है. उदाहरण के लिए त्रिपुरा और मिजोरम है. जहां आदिवासी महज नाम के रह गए हैं. - कमलचंद्र भंजदेव, बस्तर के राजा

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ग्रामीणों को धर्मांतरण से दूर रहने की दी सलाह: कमलचंद्र भंजदेव ने अपने दौरे के दौरान आदिवासी ग्रामीणों को धर्मांतरण से दूर रहने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने उदाहरण दिया कि, " बस्तर का इतिहास आदिकाल से है. जब राम भगवान को रावण से लड़ना था तो राम ने वनवासी आदिवासियों की मदद ली. आदिवासी समाज के पूर्वजों ने राक्षसों से लड़ाई लड़ी है, इंसानों से नहीं." बता दें कि इससे पहले 9 साल पहले राजा कमलचंद्र भंजदेव बस्तर के लोगों के बीच पहुंचे थे. इस दौरान आदिवासी समाज ने उनका भव्य स्वागत किया था.

धर्मांतरण पर राजा कमलचंद्र भंजदेव का बयान

नारायणपुर: बस्तर के राजा कमलचंद्र भंजदेव अपने दो दिवसीय प्रवास पर नारायणपुर पहुंचे. मंगलवार को सबसे पहले एड़का परगना के एड़का गांव और करंगाल परगना के बावड़ी गांव पहुंचे. राजा कमलचंद्र ने यहां आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. करीब 9 वर्ष बाद राजा को अपने बीच पाकर क्षेत्रवासियों की खुशी की कोई ठिकाना न रहा. इस दौरान क्षेत्र वासियों ने ढोल-नगाड़े बजाकर राजा का भव्य स्वागत किया.

राजा ने सभा को किया संबोधित: सबसे पहले राजा कमलचंद्र भंजदेव ने यहां मौजूद मंदिर में पूजा अर्चना की. फिर सभा को संबोधित किया. इन दौरान राजा ने कहा कि, "राजा दो समय घर से बाहर निकलता है. तब जब समाज में कोई बड़ी विपत्ति आई हो. या फिर तब जब समाज में कोई दिक्कत हो. एक भाई दूसरे भाई से लड़ रहा है. एक समाज दूसरे समाज से लड़ रहा है, इस समय राजा महाराजा को बाहर निकलना पड़ता है."

धर्मांतरण बहुत बड़ा दीमक है, जो बस्तर के समाज में लग गया है. ये दीमक लोगों को अंदर से खोखला कर देगा. धर्मांतरण आदिवासी समाज को तोड़ने के लिए किया जा रहा है. उदाहरण के लिए त्रिपुरा और मिजोरम है. जहां आदिवासी महज नाम के रह गए हैं. - कमलचंद्र भंजदेव, बस्तर के राजा

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ग्रामीणों को धर्मांतरण से दूर रहने की दी सलाह: कमलचंद्र भंजदेव ने अपने दौरे के दौरान आदिवासी ग्रामीणों को धर्मांतरण से दूर रहने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने उदाहरण दिया कि, " बस्तर का इतिहास आदिकाल से है. जब राम भगवान को रावण से लड़ना था तो राम ने वनवासी आदिवासियों की मदद ली. आदिवासी समाज के पूर्वजों ने राक्षसों से लड़ाई लड़ी है, इंसानों से नहीं." बता दें कि इससे पहले 9 साल पहले राजा कमलचंद्र भंजदेव बस्तर के लोगों के बीच पहुंचे थे. इस दौरान आदिवासी समाज ने उनका भव्य स्वागत किया था.

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