नारायणपुर: ओरछा ब्लॉक के आमदई में पहाड़ को लौह उत्खनन के लिए निक्को कंपनी को लीज पर दिए जाने के खिलाफ आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. उत्खनन कार्य शुरू करने के लिए पहाड़ में कैंप लगाए जाने के विरोध में पिछले 7 दिनों से कई गांव के आदिवासी ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं. बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के संभागीय संयोजक नवनीत चांद ने आंदोलनकारियों को अपना समर्थन दिया है. आप नेता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी भी धरना स्थल पहुंची, उन्होंने भी आंदोलन का समर्थन किया है.
नवनीत चांद ने कहा कि जल, जंगल,जमीन बस्तरवासियों का अधिकार है. राज्य और केंद्र सरकार इनके साथ अन्याय करना बंद करें. लौह उत्खनन ही बस्तर के विकास का पैमाना है, तो सन् 1965 से बैलाडीला की पहाड़ियों से लौहा उत्खनन किया जा रहा है, क्यों आज तक बस्तर को विकास का हक नहीं मिला.बस्तर में रोजगार के सपने दिखाकर नगरनार स्टील प्लांट की आधारशिला रखी गई थी. बस्तर के लोगों का विश्वास को तोड़कर केंद्र के द्वारा राज्य सरकार की खामोशी के चलते निजीकरण करने का काम शुरू कर दिया गया है. रोजगार के सपने दिखा कर आमदई खदान को निजी कंपनी के माध्यम से लुटने का षड्यंत्र राज्य सरकार ने रचा है.
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आंदोलनरत ग्रामीणों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक
कलेक्टर धर्मेश साहू और पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के साथ आमदई खदान के संबंध में आंदोलनरत ग्रामीणों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक देर शाम संपन्न हुई. बैठक में प्रतिनिधियों ने अपनी अपनी बात रखी. ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि खनन कार्य बंद हो और खदान के पास खुले पुलिस कैंप को बंद किया जाए. कलेक्टर ने ग्रामीणों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. ठंड के मौसम को देखते हुए वापस लौटने को कहा. कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सुविधा देने के लिए कार्यरत है. हम चाहते है कि शासन की योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे. एसपी ने कहा कि कैंप आप लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है. माइनिंग के लिए नहीं.