नारायणपुरः जिले के बंधवा तालाब का अस्तित्व खतरे में है. यहां सरोवर धरोहर के नाम से करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं लेकिन आज की स्थिति में इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है.
नारायणपुर 1938 में तहसील बना. तहसील बनने के बाद नारायणपुर की जनता ने पानी की कमी से परेशान होकर तहसीलदार बाला प्रसाद के पास गुहार लगाई. तहसीलदार ने नारायणपुर की जनता को एक समझाइश दी थी कि जिले की जनता अगर चाहे तो पानी की कमी की परेशानी को कम कर सकता है. इसके लिए सभी लोगों को अपने घरों से निकलकर श्रमदान करना पड़ेगा और तब जाकर तालाब बनेगा. ये तालाब पीने के लिए पानी देने, नहाने और सिंचाई में काम आएगा.
जंगलों के कारण तालाब बनाने के लिए जमीन ढूंढना था मुश्किल
नारायणपुर में जंगल क्षेत्र होने के कारण तालाब बनाने के लिए जमीन ढूंढना मुश्किल था. उसी वक्त एक बकरू नामक के व्यक्ति की 55 एकड़ जमीन को लोगों ने तहसीलदार के साथ राय मश्वरा कर तालाब बनवाने का निर्णय लिया.
बकरू का कोई वारिस नहीं था, बुजुर्ग होने के बाद उनकी मौत हो गई. तहसीलदार ने तालाब बनाने की अनुमति दी. तालाब बनाना बहुत ही मुश्किल काम था, जिसके लिए कोई फंड नहीं था. नारायणपुर की जनता ने फिर निर्णय लिया कि हम इस तालाब को बेगारी करके बिना पैसे के बनाएंगे और लोगों ने कई महीनों तक तालाब में खून, पसीना एक करके तालाब का निर्माण किया.
मछली पालन का काम किया गया था शुरू
उस वक्त लोगों के पास न पीने को पानी था, न नहाने, खेती करने के लिए कोई साधन था. तालाब को बनाने के बाद नारायणपुर में पानी की समस्या कुछ कम हुई. इसके बाद 1990 में निस्तार तालाब से सिंचाई तालाब बनाया गया. लोगों के खेतों तक पानीं सही तरीके से नहीं पहुंचने के कारण लोग गर्मी में खेती करना बंद कर दिए, उसके बाद मत्स्य विभाग ने इस तलाब को अपने अंडर में लिया और मछली पालन करना शुरू किया.
आज की स्थिति में तालाब में मछली पालना एक चुनौती हो गई है, पूरे तालाब में जलकुंभी से पूरा तालाब ढंक चुका है, जहां मछली पालन करना भी आसान नहीं है.
तालाब के सौंदर्यीकरण खर्च हुए 2 करोड़
कुछ साल पहले नारायणपुर नगर पालिका द्वारा सरोवर धरोहर के नाम से लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए खर्च की गई. जहां अधिकारी और ठेकेदारों द्वारा मिलीभगत करके खाना पूर्ति के लिए काम किया गया.
तालाब के मेड़ पर बनाया गया सीसी सड़क जर्जर स्थिति में है. चारों ओर बनाई गई लोहे के बाउंड्री अधूरी है, जिसका पूरा पैसा हरण किया गया है.