नारायणपुर: जिले के अबूझमाड़ के निरामेटा, तोयामेटा और मोहंदी के सैकड़ों ग्रामीण भीषण गर्मी के बीच पैदल चलकर जिला मुख्यालय जा (Naxalite terror in Narayanpur) रहे थे. जिन्हें कुकड़ाझोर पुलिस ने रोक दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस 3 ग्रामीणों को नक्सली बताकर गिरफ्तार कर ले गई. पुलिस ने गिरफ्तार किए गए ग्रामीणों को आत्मसमर्पित नक्सली बताया है. जिससे ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि, पहले हमें नक्सली परेशान किया करते थे. अब पुलिस हमें नक्सली बताकर परेशान कर रही है.
दो पाटों में पीस रहे ग्रामीण: ग्रामीणों ने बताया कि दो पाटों में पीसने के कारण हमारी जिंदगी बद से बदतर हो गई है. ग्रामीणों ने माना कि नक्सली बंदूक दिखाकर राशन मांगते हैं. इसलिए उन्हें राशन देना पड़ता है. हम मजबूरी में देते हैं, लेकिन उनका साथ नहीं देते. पहले जो नक्सली थे वो आज पुलिस में भर्ती होकर हमें नक्सली का मददगार बोलकर परेशान कर रहे हैं. हमें नक्सली बोलकर घर से उठाकर ले जा रहे हैं.
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अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ने दी सफाई: वहीं, इस पूरे मामले में अतरिक्त पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार ने कहा कि पुलिस पार्टी नक्सली गस्त सर्चिंग पर गई थी. इस दौरान परमेश्वर यादव, हलधर और सुखदेव पुलिस पार्टी को देखकर भाग रहे थे, जिन्हे घेराबंदी कर पकड़ा गया है. पूछताछ में पुलिस की रेकी करना जैसी बाते कबूल की है. उन्हें जेल भेजा गया.