नारायणपुर: छोटेडोंगर क्षेत्र के निको जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान (iron ore mine) में नक्सलियों ने हमला कर दिया. यहां नक्सली शनिवार की सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच पहुंचे और उप्तात मचाया. बताया जा रहा है कि नक्सली 100 से 200 की संख्या में यहां पहुंचे थे. उसके बाद खदान की सुरक्षा में स्थित फोर्स के कैंप पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर 6 वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौके पर काम करवा रहे मुंशी की नक्सलियों ने गला रेत कर हत्या कर दी और सुपरवाइजर की डंडे से पिटाई की है. इस वारदात में कुल 100 से 200 नक्सली शामिल थे.
मुंशी की गला रेतकर हत्या
आमदई खदान की पहाड़ी पर आयरन खुदाई का काम (iron excavation work) चल रहा था. लौह अयस्क खनन (iron ore mining) की सुरक्षा में एक कैंप की स्थापना की गई है. घाटी के कैंप से कुछ किलोमीटर की दूरी पर खनन में लगे 4 चेन माउंटेन और 2 हाइवा लगी थी. जिसमें ऑपरेटर सहित 15 लोग काम कर रहे थे. इस बीच अचानक नक्सली पहुंचे. नक्सलियों ने सभी वाहनों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया और मुंशी की गला रेतकर हत्या कर दी. इसके बाद बाकी ऑपरेटर और मजदूरों को पहाड़ी की दूसरी तरफ से उतरकर चले जाने को कहा. जिसके बाद छोटेडोंगर पहुंचे मजदूर काफी दहशत में दिखे.
एएसपी ने की पुष्टि
जिले के एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर (Additional SP Neeraj Chandrakar) ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि दोपहर 12 बजे छोटेडोंगर से बैकअप पार्टी को भेजा गया है. नक्सलियों ने खदान पर हमला किया था. तीन आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) भी किए. फिलहाल इलाके में सर्चिंग जारी है.
पहले भी हो चुका है खदान और कैंप का विरोध
आमदई स्थित आयरन ओर खदान बहुत लंबे समय से निको जायसवाल कंपनी को आबंटित की गई थी. ये खदान अब तक शुरू नहीं हो सकी है. इस साल के अंत तक इस खदान को शुरू किए जाने की संभावना है. जिसके लिए यहां सड़क बनाने और अन्य काम जारी है. खदान के लिए चल रहे काम की सुरक्षा में यहां कैंप भी बनाया गया है. इसी साल जनवरी महीने में करीब 10 से 12 हजार ग्रामीणों ने खदान और कैंप के विरोध में यहां प्रदर्शन किया था. दस साल पहले भी नक्सलियों ने इसी खदान में काम कर रहे दो सुपरवाइजर की हत्या कर दी थी.