नारायणपुर: नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के तहत सरकार की ओर से कोई फायदा नहीं मिल रहा है. इसे लेकर मंगलवार को जिले के सैकड़ों नक्सल प्रभावित परिवार, अपने नक्सली पीड़ित परिवार होने का प्रमाण पत्र की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. जहां 558 लोगों ने फॉर्म जमा कर सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की मांग की.
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से नक्सल पीड़ित पुनर्वास योजना की शुरुआत की गई है. इस सम्बंध में नक्सल पीड़ित परिवार छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विजय प्रकाश गुप्ता, उपाध्यक्ष धीरेन्द्र साहू ने नारायणपुर जिले के नक्सल पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर, योजना के तहत दी जाने वाली सुविधा के बारे में उन्हें जानकारी दी. साथ ही पीड़ित परिवारों को योजना का लाभ दिलाने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नाम आवेदन दिया.
पीड़ित परिवारों ने की सुविधा देने की मांग
नक्सल पीड़ित परिवारों की मांग है कि पुनर्वास योजना के तहत परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी, आर्थिक सहायता के साथ ही, बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, नक्सल पीड़ित परिवार प्रमाण पत्र, जमीन के बदले जमीन दिलाने के अलावा, खतरे को देखते हुए नया रायपुर में आवास उपलब्ध कराया जाए.
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नक्सलियों ने उजाड़े कई परिवार
नारायणपुर नक्सल प्रभावित जिला है. जिला मुख्यालय इलाको में करीब दो हजार नक्सली पीड़ित परिवार रह रहे हैं. नक्सलियों ने साल 2002 से अब तक पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाकर इन परिवारों को बीते एक दशक में माड़ के गांवों से जान से मारने, या अन्य कारणों से गांवो से भगा दिया है. इनमें से किसी के पिता तो किसी के बेटे की हत्या नक्सलियों ने की है. तो कई परिवारों को नक्सलियों ने गांव छोड़ने को मजबूर कर दिया है. जिसके बाद अब नारायणपुर नगरपालिका के शांतिनगर और गुडरापारा में लोग निवास करते हैं.
पीड़ित परिवारों को नहीं मिल रही कोई मदद
नक्सल पीड़ित परिवारों का कहना है आज तक हमें शासन प्रशासन की किसी भी नीति या योजना का फायदा नहीं मिला. जिसके चलते आज सैकड़ो नक्सली परिवार समस्याओं से जूझ रहे हैं.