नारायणपुर : नक्सली अक्सर सुदूर इलाकों में ग्रामीणों को अपने दल में शामिल करने के लिए मारे गए स्थानीय नक्सलियों के नाम पर स्मारक बनाते हैं.इन स्मारकों पर कई बार नक्सली इकट्ठा होकर ग्रामीणों को अपने साथ आने का लालच भी देते हैं. लेकिन सुरक्षाबल लगातार ऐसे नक्सली स्मारकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इसी कड़ी में किलम गांव के पास सुरक्षा बलों ने नक्सली स्मारक को ध्वस्त किया है.
नारायणपुर के अंदरूनी इलाकों में गई टीम : पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा के नेतृत्व और एएसपी निखिल राखेचा के मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है. इसी कड़ी में नक्सल प्रभावित क्षेत्र कडेमेटा और कडेनार कैम्प से डीआरजी बस्तर फाइटर जिला बल, आईटीबीपी की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान के लिए किलम, टेटम, अलवाड़ की ओर रवाना हुई थी.
''थाना छोटेडोगर अंतर्गत किलम गांव में नक्सलियों ने एक बड़ा स्मारक बनाया था.टीम को सर्चिंग के दौरान स्मारक मिला. जिसके बाद डीआरजी बस्तर फाइटर, जिला बल और आईटीबीपी 45वीं वांहिनी की संयुक्त टीम ने नक्सल स्मारक को ध्वस्त किया.'' हेमसागर सिदार, एएसपी
नक्सल क्षेत्र में सूचना तंत्र हुआ मजबूत : नारायणपुर जिले में नक्सलियों के स्मारक को ध्वस्त करने में पुलिस को सफलता मिल रही है. पुलिस बल अंदरूनी क्षेत्र में पहुंच रही है. जिससे नक्सली अब बैकफुट पर हैं.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार के मुताबिक समय-समय पर सूचना तंत्र के माध्यम से नक्सलियों की उपस्थिति होने की सूचना मिलते रहती है.नारायणपुर में सुरक्षा बल के जवान सूचना मिलने पर सर्चिंग के लिए जंगलों में जा रहे हैं.जिसमें सुरक्षाबलों को कामयाबी भी मिल रही है. कई नक्सली अभियानों में पुलिस को सफलता मिली है. आने वाले समय में भी फॉलो अप करते हुए नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले थाना छोटेडोगर ग्राम भटबेड़ा में नक्सलियों के लकड़ी के स्मारक को सुरक्षाबलों ने नष्ट किया था.
जंगल में बनाया गया था स्मारक : आपको बता दें कि नारायणपुर नक्सल प्रभावित जिला है.अबूझमाड़ के कई गांव आज भी नक्सलियों का दंश झेल रहे हैं.नक्सलियों के खिलाफ नारायणपुर पुलिस, जिले के क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान चलाकर शांति व्यवस्था बना रही है. इसी कड़ी में जवानों ने जंगल के अंदर बनाए गए नक्सली स्मारक को ध्वस्त कर दिया है. इस स्मारक को नक्सलियों ने जंगल के बीच में बनाया था.इसी वजह से स्मारक सुरक्षा बलों की नजर से बचा रहा.लेकिन सर्चिंग के दौरान जवानों की नजर स्मारक पर पड़ी.इसके बाद जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से लकड़ी के स्मारक को काटकर नीचे गिराया और फिर आग लगा दी.