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Narayanpur News : टीचर्स प्रमोशन संशोधन सूची के कैंसिलेशन का विरोध, बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में शिक्षकों ने लगाई गुहार

Narayanpur News नारायणपुर में टीचर्स प्रमोशन संशोधन को डेढ़ साल बाद कैंसिल करने का विरोध हो रहा है. जिसे लेकर बस्तर संभाग के सैकड़ों शिक्षकों ने बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल को ज्ञापन सौंपा. शिक्षकों ने लखेश्वर बघेल से मांग की है कि जो सूची जारी की गई थी, उसे पहले की ही तरह रखा जाए और नया आदेश रद्द हो. Protest Against Repeal Of Teacher Promotion

Protest against repeal of teacher promotion amendment
शिक्षक पदोन्नति संशोधन को रद्द करने का विरोध
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 12, 2023, 4:28 PM IST

शिक्षक पदोन्नति संशोधन को रद्द करने का विरोध

नारायणपुर : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने फरवरी 2022 में बस्तर संभाग के शिक्षकों को प्रमोशन दिया था.जिसके बाद पूरे बस्तर संभाग के शिक्षकों की पदस्थापना हो गई.लेकिन अचानक 4 सितंबर 2023 को स्कूल शिक्षा विभाग ने 18 महीने पहले किए गए प्रमोशन संशोधन को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया. इस आदेश के खिलाफ बस्तर संभाग के सैकड़ों शिक्षक लामबंद हो गए हैं. शिक्षकों ने पुरानी सूची के आधार पर मिली पदोन्नति को यथावत रखने की मांग की है. शिक्षकों ने कैंसिलनेशन आदेश का विरोध करते हुए बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल को अपनी मांगों को लिखकर ज्ञापन सौंपा. जिस पर शिक्षकों को आश्वासन दिया गया है.

कैंसिलेशन का आदेश रद्द करने की मांग : आपको बता दें कि जिन शिक्षकों को प्रमोशन मिली थी,वो सभी सूची के कैंसिल हो जाने के बाद से ही नाराज चल रहे हैं.ऐसे में शिक्षकों की बात सुनने के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण ने नारायणपुर जिले में बैठक का आयोजन किया था. जिसमें सभी जिलों से प्रमोशन पाने वाले शिक्षक पहुंचे थे. सभी शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश से टीचिंग के साथ-साथ शिक्षकों के काम प्रभावित होने का हवाला दिया. इसके साथ ही आदेश को रद्द करने की मांग बस्तर विकास प्राधिकरण कमेटी के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल से की.

सरकार और शिक्षकों का है अलग तर्क: इस दौरान बैठक में अपनी बात रखने आए शिक्षक और शिक्षिकाओं का कहना था कि सरकार ने ये कहते हुए सूची निरस्त कर दी है कि, आदेश प्रमोशन संशोधन नहीं बल्कि ट्रांसफर का था.लेकिन हमारा कहना है कि नियमों के तहत ही संशोधन हुआ था. इसलिए हमने मांग की है कि प्रस्ताव पारित करके हमारी मांग को सरकार तक पहुंचाए.

"बस्तर संभाग की जो निरस्त सूची है. उसे यथावत रखा जाए.ताकि जो शिक्षक जहां पर हैं वहीं काम करता रहे. 4 सितंबर 2023 को जो शिक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है. शिक्षक दिवस के ठीक एक दिन पहले यह तो बिल्कुल नाइंसाफी है.".रुकमणी साहू, शिक्षिका

स्कूल शिक्षा विभाग पर गलती करने का आरोप : छत्तीसगढ़ शिक्षक फ्रेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष हेमंत सारथी के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग का त्रुटि पूर्ण आदेश है. जो बस्तर संभाग के लिए लागू नहीं होता. 4 सितंबर 2023 में काउंसिलिंग नियम किया ही नहीं गया है. जो हमारे लिए लागू नहीं होता. हमारे जो बस्तर संभाग की सूची है. उसे यथावत रखा जाए हम जिन स्कूलों में काम कर रहे हैं, वहीं काम करने दिया जाए.

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आपको बता दें कि नारायणपुर जिले में बस्तर विकास प्राधिकरण की सोमवार को बैठक आयोजित हुई थी. इसमें बस्तर विकास प्राधिकरण कमेटी के सामने अपनी बात रखने नारायणपुर जिला मुख्यालय में बस्तर संभाग के सभी 07 जिलों के पदोन्नत सैकड़ों शिक्षक आए थे. जिन्होंने प्रमोशन संशोधन पर जारी निरस्तीकरण के आदेश का विरोध किया.

शिक्षक पदोन्नति संशोधन को रद्द करने का विरोध

नारायणपुर : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने फरवरी 2022 में बस्तर संभाग के शिक्षकों को प्रमोशन दिया था.जिसके बाद पूरे बस्तर संभाग के शिक्षकों की पदस्थापना हो गई.लेकिन अचानक 4 सितंबर 2023 को स्कूल शिक्षा विभाग ने 18 महीने पहले किए गए प्रमोशन संशोधन को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया. इस आदेश के खिलाफ बस्तर संभाग के सैकड़ों शिक्षक लामबंद हो गए हैं. शिक्षकों ने पुरानी सूची के आधार पर मिली पदोन्नति को यथावत रखने की मांग की है. शिक्षकों ने कैंसिलनेशन आदेश का विरोध करते हुए बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल को अपनी मांगों को लिखकर ज्ञापन सौंपा. जिस पर शिक्षकों को आश्वासन दिया गया है.

कैंसिलेशन का आदेश रद्द करने की मांग : आपको बता दें कि जिन शिक्षकों को प्रमोशन मिली थी,वो सभी सूची के कैंसिल हो जाने के बाद से ही नाराज चल रहे हैं.ऐसे में शिक्षकों की बात सुनने के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण ने नारायणपुर जिले में बैठक का आयोजन किया था. जिसमें सभी जिलों से प्रमोशन पाने वाले शिक्षक पहुंचे थे. सभी शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश से टीचिंग के साथ-साथ शिक्षकों के काम प्रभावित होने का हवाला दिया. इसके साथ ही आदेश को रद्द करने की मांग बस्तर विकास प्राधिकरण कमेटी के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल से की.

सरकार और शिक्षकों का है अलग तर्क: इस दौरान बैठक में अपनी बात रखने आए शिक्षक और शिक्षिकाओं का कहना था कि सरकार ने ये कहते हुए सूची निरस्त कर दी है कि, आदेश प्रमोशन संशोधन नहीं बल्कि ट्रांसफर का था.लेकिन हमारा कहना है कि नियमों के तहत ही संशोधन हुआ था. इसलिए हमने मांग की है कि प्रस्ताव पारित करके हमारी मांग को सरकार तक पहुंचाए.

"बस्तर संभाग की जो निरस्त सूची है. उसे यथावत रखा जाए.ताकि जो शिक्षक जहां पर हैं वहीं काम करता रहे. 4 सितंबर 2023 को जो शिक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है. शिक्षक दिवस के ठीक एक दिन पहले यह तो बिल्कुल नाइंसाफी है.".रुकमणी साहू, शिक्षिका

स्कूल शिक्षा विभाग पर गलती करने का आरोप : छत्तीसगढ़ शिक्षक फ्रेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष हेमंत सारथी के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग का त्रुटि पूर्ण आदेश है. जो बस्तर संभाग के लिए लागू नहीं होता. 4 सितंबर 2023 में काउंसिलिंग नियम किया ही नहीं गया है. जो हमारे लिए लागू नहीं होता. हमारे जो बस्तर संभाग की सूची है. उसे यथावत रखा जाए हम जिन स्कूलों में काम कर रहे हैं, वहीं काम करने दिया जाए.

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आपको बता दें कि नारायणपुर जिले में बस्तर विकास प्राधिकरण की सोमवार को बैठक आयोजित हुई थी. इसमें बस्तर विकास प्राधिकरण कमेटी के सामने अपनी बात रखने नारायणपुर जिला मुख्यालय में बस्तर संभाग के सभी 07 जिलों के पदोन्नत सैकड़ों शिक्षक आए थे. जिन्होंने प्रमोशन संशोधन पर जारी निरस्तीकरण के आदेश का विरोध किया.

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