नारायणपुर: अबूझमाड़ क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांवों से सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार देर रात जिला मुख्यालय पहुंचे थे. बुधवार को नारायणपुर एसडीएम प्रदीप वैद्य और एएसपी हेमसागर सिदार से ग्रामीणों ने मुलाकात की. ग्रामीणों ने अपनी मांगों को एसडीएम और एएसपी के सामने रखा. उनकी मांगो को पूरा करने का एसडीएम ने आश्वासन दिया. जिसके बाद ग्रामीण अपने अपने घरों को लौट हैं.
ग्रामीणों ने मांगो को नजरंदाज करने लगाया आरोप: नारायणपुर में अबूझमाड़ के ग्रामीण अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 11 महीनों से आंदोलन पर बैठे हैं. जिसमें अबूझमाड़ के माडोनार, ईरकभट्टी, तोयामेटा और ओरछा नदी पारा के ग्रामीण शामिल हैं. जो पिछले पांच महीने में तीसरी बार जिला मुख्यालय पहुंचे हैं. इसके पहले 13 मई और 7 जून 2023 को भी बड़ी संख्या में आदिवासी ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे थे.
"अबूझमाड़ के जंगलों में हमारा लगातार आंदोलन चल रहा है. लेकिन आंदोलन स्थल पर अब तक कोई शासन-प्रशासन का कर्मचारी नहीं पहुंचा है. जिला प्रशासन द्वारा हमारी मांगो को नजरंदाज किया जा रहा है." - रूपजी सलाम, ग्रामीण
धरनास्थल पर ग्रामीणों को आंदोलन जारी: रूपजी सलाम ग्रामीण ने बताया, "आज नारायणपुर जाकर ज्ञापन दिए हैं. इससे पहले भी कई बार ज्ञापन दिए थे. सरकार इतना आसानी से सभी समस्याओं को पूरा करने वाली नहीं है. इसलिए यहां से जाने के बाद भी धरना स्थल को छोड़ेंगे नहीं, धरना चल रहा है. वहां पर अचार संहिता लगने के बाद पुलिस द्वारा मारपीट या जेल में डालना, 144 धारा लागू करना, भीड़ में न रहने का दबाव न रहे, इसलिए ज्ञापन दिया गया है."
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के सामने रखी अपनी मांगे: अबूझमाड़ क्षेत्र के नक्सल प्रभावित ग्रामों के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी मांगे जिला प्रशासन के सामने रखी है. उन्होंने मूल पेशा कानून लागू करने, वन संरक्षण अधिनियम में हुए बदलाव को निरस्त करने और आदिवासियों द्वारा अलग से धर्म कोड की मांग की गई है. ऐसा पहली बार है कि नारायणपुर में आदिवासियों द्वारा अलग से धर्म कोड की मांग की गई हो. इसके अलावा अन्य कई मांगे भी जिला प्रशासन के सामने रखी हैं.
धर्म कोड लागू करने दिया ज्ञापन: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेम सागर सिदार ने बताया, "आज ग्रामीण जिला नारायणपुर में पेसा कानून, वन संरक्षण अधिनियम और आदिवासी समाज के लिए पृथक धर्म कोड लागू करने ज्ञापन दिए हैं. जिला प्रशासन ने उनकी बातों को संज्ञान में लेते हुए ज्ञापन लिया है और समुचित कार्रवाई की जा रही है."
"ज्ञापन के माध्यम से इन्होंने अपनी बातें सामने रखी है जो मांगे रखी है स्थानीय स्तर पर जो है उसका निराकरण तुरंत किया जाएगा और जो मांगे शासन स्तर पर है उसे शासन को प्रेषित कर देंगे" - प्रदीप वैद्य, एसडीएम, ओरछा
कई दिनों का राशन लेकर पहुंचे थे ग्रामीण: अबूझमाड़ से कई किलोमीटर दूर से पैदल चलकर, हाथों में पारंपरिक औजार और कई दिनों का राशन लिए सैकड़ों ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे थे. ग्रामीणों ने अपना आंदोलन स्थल साप्ताहिक बाजार स्थल को चुना, जहां मंगलवार रात विश्राम किया गया. इसकी खबर लगते ही प्रशासनिक अमले में हलचल मच गई. अपनी ओर से पहल करते हुए एसडीएम प्रदीप वैद्य और एएसपी हेमसागर सिदार ने साप्ताहिक बाजार स्थल पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की. साथ ही दिए गए ज्ञापन को उच्च स्तर तक भेजने और स्थानीय मांगो को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद ग्रामीण अपने घरों को लौट गए.