नारायणपुर: जिला मुख्यालय में नक्सल पीड़ितों की बस्ती गुडरीपारा में रहने वाली एक महिला मैनीबाई की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मैनीबाई 17 अप्रैल से लापता थी. परिजनों ने नारायणपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. आरोपियों की निशानदेही पर आज 11 बजे जिला पुलिस की टीम कुछ लोगों के साथ बखरूपारा स्थित चमरा तालाब के किनारे स्व. बामदेव देवांगन के खेत के मेड़ में खुदाई करने पहुंची. यहां से मृतक मैनीबाई की लाश निकाली गई.
बाप-बेटे ने मारकर महिला को जमीन में गाड़ दिया: मृतक महिला सोनपुर के ग्राम तुर्को की बताई जा रही है. 4 साल पहले नक्सलियों द्वारा पति की हत्या किये जाने के बाद मैनीबाई अपने छह बच्चों को लेकर नारायणपुर के गुडरीपारा में रहकर अपना जीवन बसर कर रही थी. तुर्को से आए ग्रामीण गुड्डू भी अपने परिवार के साथ नारायणपुर शहर में रहकर गुजर-बसर कर रहा है. जिससे पूछताछ के दौरान संदेह होने पर पुलिस ने सख्ती बरती. पूछताछ के बाद आरोपी गुड्डू ने महिला का कत्ल कर उसे मेड़ में दफनाने की बात स्वीकार की है. महिला की हत्या में अपने सौतेले बेटे आयतू की भूमिका को गुड्डू ने स्वीकार किया है. आरोपी गुड्डू और आयतू को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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नक्सल पीड़ित मुआवजा राशि के लिए हत्या!: एक ही गांव से आकर नारायणपुर में रह रहे मृतिका और आरोपियों के बीच अच्छे संबंध थे. मृतिका अपने घर से 17 अप्रैल को बाजार जाने की बात कहकर निकली थी. नक्सल पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे की राशि भी वह अपने साथ लेकर घर से निकली थी. बाजार खत्म होने के बाद वह अपने परिचित गुड्डू के घर गई. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नक्सल पीड़ित मुआवजा राशि छीनने के उद्देश्य से ही मैनीबाई की हत्या की गई है. हत्या में इस्तेमाल हथियारों को जप्त करने में पुलिस को सफलता हाथ लगी है. दोनों ही आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.