नारायणपुर: छोटेडोंगर से नारायणपुर ओरछा मार्ग में आंदोलन कर रहे हजारों ग्रामीण कलेक्टर धर्मेन्द्र साहू के आश्वासन के बाद अपने गृहग्राम लौट गए हैं. ग्रामीण आमदई खदान को बंद करने और पहाड़ी के ऊपर तैनात पुलिस बल को हटाने की मांग कर रहे थे. बस्तर संभाग के 6 जिलों के हजारों ग्रामीणों ने राशन-पानी लेकर नारायणपुर-ओरछा मार्ग के आमदई घाटी में डेरा डाल दिया था. सात दिनों तक चले इस आंदोलन में ग्रामीणों ने कड़कती ठंड का सामना किया है.
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कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाया
पिछले एक हफ्ते से नारायणपुर ओरछा मार्ग में आंदोलन कर रहे हजारों ग्रामीणों कलेक्टर धर्मेन्द्र साहू ने आश्वासन दिया. जिसके बाद ग्रामीण संतुष्ट होकर घर लौटे हैं. आमदई खदान को बंद करने और पहाड़ी के ऊपर तैनात पुलिस बल को हटाने की मांग बस्तर संभाग के 6 जिलों के हजारों ग्रामीण कर रहे थे. बुधवार को शोनी शोरी की अगुवाई में संघर्ष समिति के सदस्यों ने कलेक्टर धर्मेन्द्र साहू और एसपी मोहित गर्ग से कलेक्ट्रेट में 2 घंटे तक बातचीत की थी. कलेक्टर ने संघर्ष समिति से मांगों का ज्ञापन प्रस्तुत करने को कहा था. जनसंघर्ष समिति के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों से शासन को अवगत कराया जाएगा. इस प्रक्रिया में समय लगेगा तब तक आप आंदोलन समाप्त कर अपने घर लौट जाएं.
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कलेक्टर के इस आश्वान के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त कर दिया था. सभी अपने घर की ओर लौट गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि आंदोलन एक महीने के लिए स्थगित हुआ है. अगर एक महीने के अंदर आमदई खदान बंद और पहाड़ी के ऊपर स्थापित पुलिस कैंप को नहीं हटाया जाएगा तो हम फिर आंदोलन की राह में लौटेंगे. पिछले पांच दिनों से ओरछा मार्ग में चक्काजाम होने से मार्ग भी अवरूद्ध था.
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आंदोलन समाप्त होते ही छोटेडोंगर में लौटी रौनक
आमदई घाटी में ग्रामीणों का आंदोलन एक हफ्ते तक चला. रैली में छोटेडोंगर सहित आसपास के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में शामिल हुए. छोटेडोंगर में पिछले कुछ दिनों से विरान हालात थे. ग्रामीणों ने अपना आंदोलन समाप्त किया तो छोटेडोंगर में फिर से रौनक लौट आई है. छोटेडोंगर साप्ताहिक बाजार होने के कारण बाजार में अच्छी खासी भीड़ उमड़ी थी. व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी खरीदी-बिक्री दोबारा शुरू हुई है.