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पशुओं में फैल रही लम्पी बिमारी, लक्षण दिखने पर चिकित्सकों से करें संपर्क

जिले के कुछ इलाकों में पशुओं में एक नई बिमारी देखी जा रही है. इस बिमारी के चपेट कई पशु आ चुके हैं. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसे पशुओं का इलाज कर रही है.

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पशुओं में फैल रही लंपी बिमारी
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Published : Sep 2, 2020, 3:41 AM IST

नारायणपुर: जिले के कुछ गांवों के गौवंशी पशुओं में एक नई बीमारी का प्रकोप देखने में आ रहा है. इस बीमारी में पशुओ के शरीर की त्वचा पर गठान बन जाती है. पशुओ को बुखार आता है. साथ ही दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है. कुछ गठानो से मवाद भी आता है. इस बीमारी को लम्पी स्किन डिसीज के नाम से जाना जाता है. जो कि एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है. यह रोग मच्छर काटने, मक्खी आदि से एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है. बीमारी हो जाने पर पशुओं की चमड़ी में गठान (लिम्फ नोड्स में सूजन) पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादन में कमी आदि लक्षण पाए जाते हैं. नारायणपुर के 24 गांवों में पशु चिकित्सा दल लगातार इलाज और टीकाकरणक का काम कर रहे हैं. अब तक 1 हजार 763 पशुओं का इलाज और 2 हजार 869 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.

सावधान! पशुओं में फैल रही एक अलग तरह की बीमारी

पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस रोग के होने पर पशु सुस्त हो जाते हैं. उन्हें बुखार के साथ ही शरीर में दर्द भी होता है. इस रोग से पशु दो तीन हफ्ते में ठीक हो जाते हैं. लेकिन दुग्ध उत्पादन कई हफ्तों तक कम हो सकता है. चमड़ी में गठान फूट जाने पर इन फोड़ों में संक्रमण और कीड़े पड़ने की संभावना हो सकती है. उन्होंने बताया कि यह रोग विषाणु जनित है. इसका वर्तमान में निश्चित इलाज नहीं है.

लम्पी बिमारी की रोकथाम और नियंत्रण ये उपाए करें

  • मच्छर, मक्खी की रोकथाम के लिए संक्रमित क्षेत्र में पशु आवागमन पर प्रतिबंध लगाएं.
  • संक्रमित क्षेत्र की साफ-सफाई बनाए रखें.
  • रोग ग्रस्त पशु को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखें.
  • लक्षण के आधार पर पशुओं का इलाज कराएं.

नारायणपुर: जिले के कुछ गांवों के गौवंशी पशुओं में एक नई बीमारी का प्रकोप देखने में आ रहा है. इस बीमारी में पशुओ के शरीर की त्वचा पर गठान बन जाती है. पशुओ को बुखार आता है. साथ ही दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है. कुछ गठानो से मवाद भी आता है. इस बीमारी को लम्पी स्किन डिसीज के नाम से जाना जाता है. जो कि एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है. यह रोग मच्छर काटने, मक्खी आदि से एक पशु से दूसरे पशुओं में फैलता है. बीमारी हो जाने पर पशुओं की चमड़ी में गठान (लिम्फ नोड्स में सूजन) पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादन में कमी आदि लक्षण पाए जाते हैं. नारायणपुर के 24 गांवों में पशु चिकित्सा दल लगातार इलाज और टीकाकरणक का काम कर रहे हैं. अब तक 1 हजार 763 पशुओं का इलाज और 2 हजार 869 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.

सावधान! पशुओं में फैल रही एक अलग तरह की बीमारी

पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस रोग के होने पर पशु सुस्त हो जाते हैं. उन्हें बुखार के साथ ही शरीर में दर्द भी होता है. इस रोग से पशु दो तीन हफ्ते में ठीक हो जाते हैं. लेकिन दुग्ध उत्पादन कई हफ्तों तक कम हो सकता है. चमड़ी में गठान फूट जाने पर इन फोड़ों में संक्रमण और कीड़े पड़ने की संभावना हो सकती है. उन्होंने बताया कि यह रोग विषाणु जनित है. इसका वर्तमान में निश्चित इलाज नहीं है.

लम्पी बिमारी की रोकथाम और नियंत्रण ये उपाए करें

  • मच्छर, मक्खी की रोकथाम के लिए संक्रमित क्षेत्र में पशु आवागमन पर प्रतिबंध लगाएं.
  • संक्रमित क्षेत्र की साफ-सफाई बनाए रखें.
  • रोग ग्रस्त पशु को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखें.
  • लक्षण के आधार पर पशुओं का इलाज कराएं.
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