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तमिलनाडु से लौटे मानसिंह और उनके साथियों को गांव में ही मिलेगा रोजगार

कामकाज की तलाश के लिए दूसरे राज्यों में गए मजदूर लॉकडाउन में फंस गए थे. जिन्हें शासन प्रशासन की मदद से वापस लाया गया. साथ ही उन्हें अपने गांव में ही रोजगार दिया गया. जिसके लिए श्रमिकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का शुक्रिया अदा किया है.

Mansingh and other laborer got employment
मानसिंह और साथियों को मिला रोजगार
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Published : Jun 5, 2020, 12:00 PM IST

नारायणपुर: मजदूर आंखों में नए सपने लिए हर साल काम की तलाश में घर छोड़ कर सैकड़ों मील दूर दूसरे प्रदेशों में जाते हैं. जिले के रहने वाले मानसिंह और उसके दो साथी रामसिंह और कुम्बूलाल भी काम की तलाश में घर छोड़कर तमिलनाडु निकल पड़े थे. लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में वहां फंस गए. इन सभी कामगारों को प्रशासन की मदद से वापस लाया गया, जिसके लिए उन्होंने सरकार का आभार जताया है.

Got employment in the village itself
गांव में ही मिला रोजगार

जिले के धुर नक्सल प्रभावित टेमरूगांव के मानसिंह अपने दो साथियों के साथ मजदूरी करने तमिलनाडु गए थे. वे इस बात से भी वाकिफ थे कि कम पढे़-लिखे लोगों को अच्छा काम मिलने के साथ ही रहने-खाने की दिक्कत भी होती है, फिर भी वो वहां चले गए.

लॉकडाउन में फंसे मजदूर

परदेस में कुछ दिन बीते ही थे कि कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन लग गया और इसकी वजह से काम-काज बंद हो गया, जिसके बाद उन्हें घर की याद सताने लगी. संकट की घड़ी में उनको एहसास हुआ कि घर में सहूलियत की हर चीजें आसानी से मिल जाती हैं.

श्रमिकों को वापस लाया गया

इस दौरान मानसिंह और उनके साथियों को खाने तक के लाले पड़ने लगे. जब कहीं से कोई मदद की उम्मीद नजर नहीं आई तो मानसिंह जैसे हजारों प्रवासी श्रमिकों, कामगारों को वापस लाने के लिए शासन प्रशासन ने अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया. संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन और बस के जरिए सकुशल और सुरक्षित घर वापस लाने का काम शुरू हुआ.

श्रमिकों को रोजगार दिया

ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में भी छूट दी गई, ताकि ग्रामीणों को काम मिले और उनकी रोजी-रोटी की समस्या दूर हो सके. सरकार ने अपने प्रवासी श्रमिकों को उनके निवास स्थल में ही मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया है. जिसमें रोजगार मूलक कार्यों का संचालन कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया

मानसिंह ने इसके लिए मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया. आज मानसिंह और उसके साथी अपने गांव में मनरेगा में काम कर रहे हैं.
मनरेगा के अन्तर्गत इन दिनों जिले की ग्राम पंचायतों में व्यापक स्तर पर काम शुरू किए गए हैं.

कार्य स्थल पर दिशा-निर्देशों का हो रहा पालन

शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी कार्य स्थलों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उपाय किए गए हैं. इन उपायों के अन्तर्गत मास्क या कपड़े से मुंह ढंककर रखने, साबुन से हाथ धोने और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखने के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है.

Mansingh and other laborer got employment
मानसिंह और साथियों को मिला रोजगार

गांव में ही मिला रोजगार

लॉकडाउन अवधि में इन कार्यों से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिलने के साथ ही जल संरक्षण, जल संचय और प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के काम हो रहे हैं.

नारायणपुर: मजदूर आंखों में नए सपने लिए हर साल काम की तलाश में घर छोड़ कर सैकड़ों मील दूर दूसरे प्रदेशों में जाते हैं. जिले के रहने वाले मानसिंह और उसके दो साथी रामसिंह और कुम्बूलाल भी काम की तलाश में घर छोड़कर तमिलनाडु निकल पड़े थे. लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में वहां फंस गए. इन सभी कामगारों को प्रशासन की मदद से वापस लाया गया, जिसके लिए उन्होंने सरकार का आभार जताया है.

Got employment in the village itself
गांव में ही मिला रोजगार

जिले के धुर नक्सल प्रभावित टेमरूगांव के मानसिंह अपने दो साथियों के साथ मजदूरी करने तमिलनाडु गए थे. वे इस बात से भी वाकिफ थे कि कम पढे़-लिखे लोगों को अच्छा काम मिलने के साथ ही रहने-खाने की दिक्कत भी होती है, फिर भी वो वहां चले गए.

लॉकडाउन में फंसे मजदूर

परदेस में कुछ दिन बीते ही थे कि कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन लग गया और इसकी वजह से काम-काज बंद हो गया, जिसके बाद उन्हें घर की याद सताने लगी. संकट की घड़ी में उनको एहसास हुआ कि घर में सहूलियत की हर चीजें आसानी से मिल जाती हैं.

श्रमिकों को वापस लाया गया

इस दौरान मानसिंह और उनके साथियों को खाने तक के लाले पड़ने लगे. जब कहीं से कोई मदद की उम्मीद नजर नहीं आई तो मानसिंह जैसे हजारों प्रवासी श्रमिकों, कामगारों को वापस लाने के लिए शासन प्रशासन ने अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया. संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन और बस के जरिए सकुशल और सुरक्षित घर वापस लाने का काम शुरू हुआ.

श्रमिकों को रोजगार दिया

ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में भी छूट दी गई, ताकि ग्रामीणों को काम मिले और उनकी रोजी-रोटी की समस्या दूर हो सके. सरकार ने अपने प्रवासी श्रमिकों को उनके निवास स्थल में ही मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया है. जिसमें रोजगार मूलक कार्यों का संचालन कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया

मानसिंह ने इसके लिए मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया. आज मानसिंह और उसके साथी अपने गांव में मनरेगा में काम कर रहे हैं.
मनरेगा के अन्तर्गत इन दिनों जिले की ग्राम पंचायतों में व्यापक स्तर पर काम शुरू किए गए हैं.

कार्य स्थल पर दिशा-निर्देशों का हो रहा पालन

शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी कार्य स्थलों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उपाय किए गए हैं. इन उपायों के अन्तर्गत मास्क या कपड़े से मुंह ढंककर रखने, साबुन से हाथ धोने और एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखने के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है.

Mansingh and other laborer got employment
मानसिंह और साथियों को मिला रोजगार

गांव में ही मिला रोजगार

लॉकडाउन अवधि में इन कार्यों से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिलने के साथ ही जल संरक्षण, जल संचय और प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के काम हो रहे हैं.

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