नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान न सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा लेते हैं बल्कि वहां रहने वाले लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं. नारायणपुर के सोनपुर से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. यहां आईटीबीपी के जवानों ने एक महिला का सुरक्षित प्रसव कराया.
बस्तर में तैनात पैरामिलिट्री फोर्सेस केवल नक्सलियों से मुकाबला लेने का काम ही नहीं कर रही बल्कि सामाजिक दायित्वों का भी अच्छे से निर्वहन करने में जुटी हैं. ऐसा ही एक वाकया बस्तर के नारायणपुर जिले में देखने को मिला दर्द से कराहती गर्भवती महिला को जवानों ने अस्पताल पहुंचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी शुरू कर दी लेकिन प्रसव पीड़ा के चलते जवानों को जंगल में ही आदिवासी महिला का प्रसव कराना पड़ा. अपने पास उपलब्ध संसाधनों से जंगल के बीचो बीच तिरपाल व अन्य कपड़ों को घेरकर प्रसव कक्ष बनाया गया और उनके साथ चल रही महिलाओं के माध्यम से दर्द से कराह रही गर्भवती महिला का सफल प्रसव कराया गया.
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गांववालों ने मांगी जवानों से मदद
अबूझमाड़ में सोनपुर से 7 किलोमीटर दूर एहनार की महिला सुकनी को प्रसव के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझना पड़ा क्योंकि उसके गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. इसलिए वहां तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाई. प्रसव पीड़ा बढ़ने पर परिजन मदद मांगने सोनपुर पुलिस कैम्प पहुंचे. नक्सली हमले की परवाह ना करते हुए आईटीबीपी और जिला पुलिस बल के जवान रामकृष्ण मिशन के स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ पैदल चलकर एहनार गांव पहुंचे.
जंगल में कराना पड़ा प्रसव
दर्द से कराह रही महिला को सोनपुर तक लाने का प्रयास हो ही रहा था की प्रसव पीड़ा बढ़ गई और जंगल में महिला का प्रसव कराना पड़ा. जवानों ने तिरपाल की दीवार खड़ी की और सफल प्रसव करवाया गया. दवा भी जवानों ने ही उपलब्ध कराई. जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
गांव तक पहुंचने का नहीं है रास्ता
गांव तक पहुंच मार्ग नहीं होने के चलते इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई लेकिन इलाके में तैनात आईटीबीपी और जिला पुलिस बल के जवानों के हौसलों के चलते बच्चे और मां को नई जिंदगी मिली है.