नारायणपुर: आदिवासी बाहुल्य नारायणपुर जिले के कई गांवों में धर्मांतरण का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है. जिसको लेकर विभिन्न समाज के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. सभी अपने अपने समाज से भटके हुए लोगों की घर वापसी कराने में जुटे हैं. अपने मूल धर्म छोड़ ईसाई धर्मांतरित ग्रामीणों के शव गांव में दफनाने को लेकर भी मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. narayanpur latest news. इस बीच नारायणपुर में धर्मांतरित परिवारों की घर वापसी हुई.
ग्रामीण अंचलों में धर्मांतरण जोरों पर: नारायणपुर जिले के ग्रामीण अंचलों में धर्मांतरण जोरों पर है. वही समाज के अलग अलग लोगों के द्वारा इस पर रोक लगाने परगना स्तर से लेकर गांवों में बैठकों का दौर जारी है. इसी कड़ी में आज रविवार को ग्राम गरांजी में ईसाई धर्मांतरित 5 परिवार के कुल 13 लोगों ने घर वापसी की. इसमें गांव के सियान महिलाओं के द्वारा नारियल तिलक चंदन लगाकर घर वापसी कराया. इस दौरान गांव के सैकड़ों लोग इसके गवाह बने. बीते एक सप्ताह में अलग अलग गांवों से 26 परिवारों के 109 लोगों की मूल धर्म में वापसी हुई है. यह सिलसिला अभी लगातार जारी है.
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गरांजी में प्रत्येक रविवार को आयोजित होती है बैठक: समाज प्रमुख गोपाल दुग्गा ने बताया कि "प्रत्येक सप्ताह रविवार को गांव के सभी लोगों की उपस्थिति में बैठक आयोजित होती है. जिसमें धर्मांतरित हुए लोगों को अपने मूल धर्म में वापस लाने सभी गांव के लोग मिलकर प्रयास करते हैं. रूढ़ि प्रथा आदिवासियों की परंपरा है, जिसको छोड़कर कुछ लोग इधर उधर भटक रहे हैं. ऐसे ईसाई धर्मांतरित लोगों को गांव में वापस लाने का प्रयास जारी है. हमारी परंपरा पूर्वजों से चली आ रही है. हम आदिवासी पत्थर देवता को मानने वाले लोग हैं.
घर वापसी का अभियान चला रहा समाज: धर्मांतरण के विरुद्ध लगातार अलग अलग समाज के लोग घर वापसी के अभियान चला रहे हैं. समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले आदिवासियों को लगातार गुमराह कर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है. जिसके लिए ग्रामीण स्तर पर लगातार अभियान चला रहे हैं. अपनी पुरातन संस्कृति, परंपरा, रीति रिवाज के प्रति चेतना जागाने का प्रयास किया जा रहा है.
रविवार को मूल धर्म में वापस हुए व्यक्ति ने बताया कि "5 वर्षों से ईसाई धर्म को पूरा परिवार अपना रहा था. वहां जाने पर भी कोई लाभ नहीं हुआ. बल्कि अपनी परंपरा, संस्कृति और गांव के लोगों से अलग हुआ." उन्होंने कहा कि "जो आदिवासी हैं, ईसाई में गए है. उन्हें भी मैं मूल धर्म में वापस लाने प्रयास करूंगा."