नारायणपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्राम कड़ेमेटा में पुलिस कैंप खोला है. कैंप खुलने के बाद पुलिस आसपास के क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर रही है. इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी मूलभूत समस्याओं से पुलिस को अवगत कराया.
आजादी के 74 वर्ष बाद पहली बार नक्सल प्रभावित ग्राम बेचा में जिला और पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी पहुंचे. यहां ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए नारायणपुर पुलिस Narayanpur Police की पहल पर पहली बार 'कम्युनिटी पुलिसिंग' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आम जनता की समस्याओं से रूबरू होने रविवार को आईजी सुंदरराज पी, रजत बंसल कलेक्टर बस्तर समेत तमात अधिकारी बेचा पहुंचे.
शासन-प्रशासन के सहयोग की अपील
शिविर में उपस्थित अधिकारियों ने शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ उठाने और आत्मनिर्भर होकर परिवार के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने ग्रामीणों को प्रेरित किया. क्षेत्र में विकास कार्य के दौरान आम जनता से प्रशासन और पुलिस का सहयोग करने की अपील की गई. ग्राम बेचा पहुंचने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करते हुए पगडंडी और कच्चे रास्तों से होकर गुजरना पड़ा. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण पहले शासन और पुलिस का विरोध करते थे, अब पुलिस के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहे हैं.
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धुर नक्सल प्रभावित इलाका है बेचा
बेचा क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. जहां नक्सलियों की जन अदालत लगती थी. इस इलाके में स्वीकृत हो चुके पुल-पुलिया और सड़क का निर्माण अबतक नहीं हो पाया है. आने वाले दिनों में इस इलाके का कायाकल्प हो सकेगा और ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.