नारायणपुर: एक साल पहले 20 गांवों को जोड़ने वाला पुल चंद घंटे की बारिश में ही ढह गया. प्रशासन की लापरवाही की वजह से 20 गांव के लोगों के सपने और सुविधाएं भी पानी में बह गए. इसे आप सिस्टम की बदइंतजामी कहिए या लापरवाही, अब इन गांवों में रहने वाले लोगों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए दूसरा रास्ता तलाशना होगा.
नारायणपुर के साकड़ीबेड़ा में एक साल पहले पुल बनाया गया था, जो 20 गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही का एक मात्र जरिया था. भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा ये पुल पिछड़े इलाकों के बच्चों के स्कूल तक जाने का भी एक ही सहारा था.
- नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पास है और पुल का निर्माण नदी के लेवल से काफी नीचे होने की वजह से इसमें पानी भरता गया. पानी भरने की वजह से देखते ही देखते पुल ढह गया. कोचवाहीगांव समेत 20 गांव को नारायणपुर से जोड़ने वाले इस पुल के ढहने के साथ ही ग्रामीणों के विकास की उम्मीदें भी पानी में बह गईं.
- 3 दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश होने से नारायणपुर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीण लंबे समय से इस नदी पर पुल की मांग कर रहे थे. लगभग एक साल पहले ही इस ब्रिज को बनाया गया था.
- बाढ़ नियंत्रण के लिए लगाए गए जवान लगातार सतर्क हैं. नगर सैनिक के बाढ़ नियंत्रण जवान काम पर लगे हुए हैं और नदी पार करने के लिए लोगों को रोका जा रहा है. इसके साथ ही चेतावनी दी जा रही है कि, नदी पार ना करें.
- नदी पार करने के लिए लोगों को रोका जा रहा है. चेतावनी दी जा रही है कि नदी पार न करें. लेकिन इससे लोगों को होने वाली दिक्कतें, जैसे मुश्किल में हॉस्पिटल, राशन, रोजमर्रा के कामकाज में परेशानी हो रही है. वहीं मजदूरी करने वाले और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी फंसे हुए हैं.
- इस गांव में रहने वाले लोगों का कहना है पुलिया बहुत खराब बनाई गई है, जिसके कारण पहली बारिश में ही पुलिया ढह गई है. गांववालों का आरोप है कि ठेकेदार ने इस पुल के निर्माण में मनमानी की है.