नारायणपुर : जिला भारतीय जनता पार्टी ने आज कार्यालय प्रांगण में (BJP protest against Narayanpur Bharanda encounter case) धरना प्रदर्शन किया. बीते 24 जनवरी को भरांडा में हुई नक्सली-पुलिस मुठभेड़ में मारे गए ग्रामीण मानुराम नुरेटी के हत्या कांड की न्यायिक जांच एवं पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर यह धरना दिया गया. घटना के 3 सप्ताह बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को अब तक न तो मुआवजा मिला है और न ही किसी अन्य प्रकार की प्रशासनिक सहायता ही मिल सकी है. धरना में भाजपा ने प्रशासन एवं छत्तीसगढ़ सरकार पर झूठी मुठभेड़ कर ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया है. साथ ही पीड़ित परिवार को उचित न्याय नहीं मिलने पर चक्काजाम करने की चेतावनी भी दी है.
24 जनवरी को नारायणपुर के भरांडा में हुई थी मुठभेड़
बता दें कि नारायणपुर के ग्राम भरांडा में बीते 24 जनवरी को हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में ग्रामीण मानु नुरेटि की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी. आनन-फानन में पुलिस ने उसे नक्सली घोषित कर दिया था. लेकिन पीड़ित परिवार एवं भाजपा के विरोध के बाद बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने मृतक को साधारण ग्रामीण बताया और घटना पर खेद जताया था. बावजूद इसके मृतक के परिजनों को किसी भी प्रकार की मुआवजा राशि या राहत पुलिस विभाग और सरकार द्वारा प्रदान नहीं किया गया है. जिस पर भारतीय जनता पार्टी नारायणपुर ने राज्य की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया है.
पीड़ित परिजनों के लिए सरकारी नौकरी और मुआवजा की मांग
भाजपा ने धरना के माध्यम से मृतक के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी एवं आवश्यक मुआवजा देने की मांग रखी है. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं ने महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर मृतक मानू नरेटी के परिजनों को उचित न्याय दिलाने की मांग की है.