नारायणपुर: जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर कोचवाही धान खरीदी केंद्र की हालत काफी खराब है. धान नाप तौल व धान हमाली के लिए कर्मचारियों की कमी की वजह से किसानों को खुद ही हमाली कर अपना धान नापना पड़ रहा है. अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि केंद्रों में किसानों की संख्या के मुकाबले नापतौल करने वाला तराजू भी एक ही है.
'केंद्र ने नहीं दिया साथ तो प्रभावित हो सकती है धान खरीदी'
बारदानों की किल्लत से किसान परेशान
जिले के अधिकतर धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की किल्लत देखने को मिल रही है. किसानों ने इसे लेकर SDM से शिकायत भी की है. किसानों ने लचर प्रबंधन और बारदानों के खत्म होने जैसे दिक्कतों को एसडीएम के सामने रखा है. एसडीएम ने त्वरीत कार्रवाई करते हुए कुछ ही घंटों बाद लगभग 2000 पुराने बारदानों की व्यवस्था कराई.
जिम्मेदार अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
लेम्पस प्रबंधक शभूषण बघेल ने किसानों की समस्याओं पर सवाल किया गया तो प्रबंधक ने अपना पल्ला झाड़ते हुए नोडल अधिकारी प्रतीक अवस्थी से बात करने की बात कही. इसके बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने नोडल अधिकारी से फोन में बात की तो जिम्मेदार नोडल अधिकारी ने भी कोई जवाब नहीं दिया.
वर्तमान में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में नारायणपुर जिले के उपार्जन केन्द्रों एड़का, छोटेडोंगर, नारायणपुर, बिजली, झारा, धौड़ाई, बाकुलवाही, बेनुर और ओरछा में बीते 16 दिसंबर आज तक कुुल 85 हजार 578 क्विंटल खरीदी गई है. जिला विपणन अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, धान उपार्जन केन्द्र एड़का में 16 हजार 896 क्विंटल धान की खरीदी की गई है. इसके साथ ही छोटेडोंगर में 5 हजार 322 क्विंटल, धौड़ाई में 7 हजार 15 क्विंटल, झारा में 5 हजार 616 क्विंटल, बेनुर में 14 हजार 990 क्विंटल, बाकुलवाही में 15 हजार 200 क्विंटल, नारायणपुर में 11 हजार 451 क्विंटल, बिंजली में 7 हजार 930 क्विंटल और ओरछा धान खरीदी केन्द्र में 1 हजार 155 क्विंटल धान की खरीदी की गई है.