नारायणपुरः बीजेपी के नेताओं ने स्वास्थ विभाग की भर्ती प्रक्रिया में कई संगीन आरोप लगाए हैं. वे शुक्रवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया में रिश्तेदारों को प्राथमिकता (Preference to relatives in the recruitment process) दी गई.
जुलाई 2019 में स्वास्थ विभाग के द्वारा विभिन्न पदों पर 36 लोगों की भर्ती की गई. इस भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण पत्र (experience certificate) के नाम पर बड़ा खेल किया गया है. पात्र और योग्य उम्मीदवारों (Eligible and eligible candidates) को दरकिनार किया गया. कार्यरत कर्मचारियों के रिश्तेदारों को नौकरी दी गई. प्रेस वार्ता में युवा नेता सुदीप झा ने कहा कि स्वास्थ विभाग में सीधी भर्ती में स्थानीय बेरोजगारों का हक मारा गया.
अपने रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी (government jobs for relatives) दी गई. भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर स्पष्ट गाइडलाइन दिए गए थे लेकिन चयन समिति के द्वारा गाइडलाइन का पालन (follow the guideline) नहीं किया गया. इस मौके पर जैकी कश्यप, प्रताप मंडावी, मंगलूराम नुरेटी भी मौजूद रहे.
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जिला चयन समिति के कार्यशैली पर भी गंभीर आरोप
सुदीप झा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत रिक्त पदों की भर्ती के लिए जिला चयन समिति का गठन कलेक्टर की अनुशंसा पर की गई थी. समिति का अध्यक्ष नियुक्त करते समय समिति के सदस्यों में सीएचएमओ डॉ. यार गोटा सिविल सर्जन, एमके सूर्यवंशी जिला मलेरिया अधिकारी, डॉ डीएस नायक एवं डीपीएम प्रिया कवर को रखा गया. चयन समिति के निगरानी में पूरी भर्ती प्रक्रिया की गई. भाजपा के द्वारा सरकारी भर्ती में धांधली किए जाने के आरोप के बाद समिति पर भी सवालिया निशान लग रहा है.