नारायणपुर: पिछले कई दिनों से अबूझमाड़ की महिलाओं को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है. यही कारण है कि यहां के मरीजों को चारपाई के सहारे अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. कई बार समय से अस्पताल न पहुंचने पर मौत भी हो जाती है. मंगलवार को भी प्रसव पीड़ा से परेशान कोडोली ग्राम पंचायत के आश्रित मुसनार गांव की महिला को डोला बनाकर कांवर के सहारे अस्पताल पहुंचाया गया.
15 किलोमीटर चलकर पहुंचाया अस्पताल: मंगलवार को मुसनार गांव की महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिसके बाद गांव के लोगों ने 102 पर कॉल किया. 102 उपलब्ध नहीं था. जिसके बाद परिजनों ने कांवर की मदद से 15 किलोमीटर चलकर महिला को छोटेडोंगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. सुबह 8 बजे से निकले ग्रामीण तकरीबन दो बजे छोटेडोंगर पहुंचे. इस दौरान तेज धूप के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
"सुबह 8 बजे मुसनार गांव से निकले थे. 2 बजे छोटेडोंगर अस्पताल पहुंचे. गर्भवती महिला को बेहतर उपचार के लिए संजीवनी 108 वाहन की मदद से जिला अस्पताल रेफर किया गया है." - मरीज के परिजन
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कई दिनों से 102 सेवा बंद: बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से शासन की महतारी योजना और 102 एंबुलेंस की सुविधा अबूझमाड़ की महिलाओं को नहीं मिल पा रही है. यही कारण है कि यहां के बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.
एक तरफ सरकार बस्तर में विकास के लाख दावे करती है तो दूसरी तरह हकीकत कुछ और नजर आ रही हैं. कुछ ही महीने में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता का रास्ता बस्तर से होते हुए जाता हैं. ऐसे में आदिवासियों को होने वाली ये परेशानी कहीं सरकार को भारी ना पड़ जाए.