नारायणपुर:अबूझमाड़ के हजारों आदिवासी ग्रामीण मंगलवार को अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर जिला मुख्यालय नारायणपुर की ओर कूच किए है. ग्रामीणों की मांग है कि नया पुलिस कैंप का निर्माण न कराया जाए, पेशा कानून लागू हो और वन संरक्षण अधिनियम में किए बदलावों को निरस्त कर दिया जाए. अपने इन्हीं मांगों को लेकर ये ग्रामीण आज कलेक्टर को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.
8 माह से हड़ताल पर ग्रामीण: अबूझमाड़ के जंगलों में बीते 8 माह से हजारों ग्रामीण आंदोलन पर हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर जब भी ये ज्ञापन देने तीन से पांच ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचते हैं तो पुलिस नक्सली बताकर झूठे केस में जेल भेज देती है. इसलिए अबूझमाड़ के प्रत्येक गांव के एक घर से एक सदस्य इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. कुल हजारों लोग अपनी मांग को लेकर पहुंचे हैं.
इन गांव के लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट: बता दें कि तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 8 महीने से जिले के माडोनार, ईरकभट्टी, तोयामेटा और ओरछा नदी पारा में चार अलग-अलग जगहों पर आंदोलन पर बैठे हैं. 23 दिनों में दूसरी बार अबूझमाड़ के हजारों लोग नारायणपुर जिला मुख्यालय पहुंचे. ग्रामीणों के अनुसार अबूझमाड़ के जंगलों में इनका लगातार आंदोलन चल रहा है. हालांकि उनके आंदोलन स्थल पर अब तक कोई शासन प्रशासन का कर्मचारी नहीं पहुंचा है. सरकार ग्रामीणों के मांग की अनदेखी कर रहे हैं.
पोस्टर और पारंपरिक हथियार लेकर पहुंची महिलाएं: अबूझमाड़ से पैदल जिला मुख्यालय के लिए निकली ग्रामीण महिलाएं हाथों में पारंपरिक हथियार लिए निकली है. साथ ही इनके हाथों में अपनी मांगों का पोस्टर है. ये ग्रामीण ट्रैक्टर पर अपने खाने पीने का सामान लेकर निकले हैं. यही कारण है कि यहां भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात हैं.