नारायणपुर : नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र के ग्राम बेचा,मुरनार और किहकाड के दर्जनों ग्रामीणों ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा है.जिसमें उल्लेख है कि डीआरजी पुलिस बल ने रविवार 30 अक्टूबर को ग्राम अबूझमाड़ के बेचा,मुरनार और किहकाड सुबह 4 बजे पहुंचे और बुधराम नेताम ग्राम बेचा, बुधराम नरेटी ग्राम मुरनार और सुखदेव ग्राम किहकाड निवासी ग्रामीणों को पुलिस ने थाना कहकर नारायणपुर ले आए. जब परिजन थाना कोहकामेटा टीआई आकाश मसीह के पास पहुंचकर जानकारी मांगी तो उन्होंने तीनों के बारे में जानकारी नहीं होने की बात (Abujhmad Villagers against police ) कही.
परिजन सीताराम नाग,चंद्रिका नेताम ने बताया कि '' बिना सूचना के किसी भी समय पर पुलिस के द्वारा घर से पकड़कर बिना वारंट के गिरफ्तार किया और गिरफ्तार करने के पश्चात 24 घंटे के अंदर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया.'' वही ग्रामीणों ने बताया कि गिरफ्तारी सूचना में भी गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को ही गवाह बनाया गया है. तीनों ग्रामीण खेती किसानी कार्य करते थे. वहीं सुखदेव को पुलिस के द्वारा प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को कोहकामेटा में बुलाया जाता था. सुखदेव तेंदूपत्ता संग्रहण करता था,समय समय पर पुलिस विभाग के द्वारा ग्रामीणों से काम करवाया जाता था जिसमें समस्त ग्रामीण एवं गिरप्तार व्यक्ति भी आते थे.
क्या है पुलिस का कहना : नारायणपुर पुलिस (police administration in Narayanpur)ने बताया कि '' नक्सल विरोधी अभियान के क्रम में दिनांक 30.10.2022 को डीआरजी नारायणपुर की पुलिस पार्टी गश्त सर्चिंग पर ग्राम किहकाड़, मुरनार, बेचा की ओर निकली थी.पुलिस पार्टी द्वारा गश्त सर्चिंग के दौरान ग्राम मुरनार-बेचा के जंगल में तीन संदिग्ध को पुलिस पार्टी ने घेराबंदी कर पकड़ा . जिसमें सुखदेव नाग ,बुधराम नुरेटी ,बुधराम नेताम हैं.
पुलिस ने बताया कि सुखदेव एवं बुधराम नेताम नक्सली संगठन में जनताना सरकार के सदस्य हैं. जिनके ऊपर पुलिस अधीक्षक नारायणपुर द्वारा 10-10 हजार का इनाम घोषित है. बुधराम नुरेटी नक्सलियों के सहयोगी के रूप में कार्य कर रहा था.दिनांक-05.08.2022 को थाना कोहकामेटा क्षेत्र में ग्राम सरगीपाल सड़क किनारे टेकरी के पास पुलिस पार्टी को जान-माल का नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से दो नग क्लेमोर पाईप बम लगाने की घटना में शामिल था.
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नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि ''तीनों पुराने इनामी नक्सली थे. वर्तमान में भी तीनों की भूमिका संदिग्ध थी.विकास विरोधी नक्सलियों का प्रोपोगेंडा है भोले-भाले ग्रामीणों को मोहरा बनाकर अपने लिए ऐसा माहौल बनाया जा रहा है. हम ग्रामीणों से अपील करते हैं कि नक्सलियों के झांसे में ना आए शासन प्रशासन द्वारा विकास नीतियों का समर्थन एवं सहयोग प्रदान करें.