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Reservation Amendment Bill in chhattisgarh :'एकात्म परिसर में बैठता है विधिक सलाहकार ', भूपेश के बयान पर रमन का पलटवार

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Published : Dec 27, 2022, 5:48 PM IST

आरक्षण संशोधन विधेयक पर सरकार और राज्यपाल के बीच तकरार जारी है. सीएम भूपेश बघेल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके के अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह Former Chief Minister Raman Singh ने भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार Raman hit back at CM Bhupesh किया है. रमन सिंह ने कहा है कि राज्यपाल को अधिकार है कि वो किसी भी मामले में विधिक सलाह ले सकते हैं. Reservation Amendment Bill in chhattisgarh

आरक्षण संशोधन विधेयक पर रमन का सीएम भूपेश पर पलटवार
Raman hit back at CM Bhupesh

मुंगेली : आरक्षण मामले पर सीएम भूपेश बघेल के भाजपा पर लगाया गए आरोप को लेकर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने पलटवार किया Raman hit back at CM Bhupesh है. डॉ रमन सिंह ने कहा कि "' राजभवन जब कोई चीज पहुंचती है तो राज्यपाल विधि विशेषज्ञों से बात करते हैं. सीएम भूपेश बघेल को शायद नहीं मालूम कि अटॉर्नी जनरल तक राज्यपाल के पास जाते हैं. अटॉर्नी जनरल की रिपोर्ट हिंदुस्तान में सबसे अंतिम होती है. गर्वनर चाहे तो किसी से भी सलाह ले सकते हैं.'' एकात्म परिसर से जुड़े सवाल पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि ''एकात्म परिसर का राजनीति से कोई लेना देना नहीं Reservation Amendment Bill in chhattisgarh है.''

सीएम भूपेश बघेल का गंभीर आरोप: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण मामले पर राज्यपाल के साइन नहीं होने को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि "आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है डॉ रमन सिंह जी ने एक राष्ट्रीय अखबार में बयान दिया है गवर्नर कैन नॉट बी साइन द बील ऑन विश ऑफ सीएम. ये जो बिल है विभाग तैयार करता है. कैबिनेट में प्रस्तुत होता है. कैबिनेट के अप्रूवल के बाद विधानसभा में एडवाइजरी कमेटी के पास रखा जाता है और उसके बाद विधानसभा में उसकी चर्चा होती है.''


एकात्म परिसर में बैठता है विधिक सलाहकार : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' जहां तक आरक्षण बिल की बात है सारी प्रक्रिया पूरी की गई है और विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ है. यह मुख्यमंत्री के बीच से नहीं हुआ है. यह विधानसभा के द्वारा सर्वसम्मति से पारित हुआ है. सभी लोगों ने भाग लिया है ऐसा कोई विपक्ष के लोग नहीं है जिसमें शामिल नहीं हुआ हो या भाषण नहीं दिया हो और उन्होंने भी पारित किया है. लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि रमन सिंह जैसे 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे वह कह रहे मुख्यमंत्री के बीच से , मुख्यमंत्री के बीच से नहीं यह विधानसभा से पारित हुआ है. यह मुख्यमंत्री से नहीं है विधानसभा से है. दूसरी बात आज तक के भारतीय जनता पार्टी के एक भी नेता जब सर्वसम्मति से पारित हुआ है. तो गवर्नर के पास एक भी बार नहीं कहा कि इसमें हस्ताक्षर करिए. उन्होंने कभी नहीं कहा एक भी भारतीय जनता पार्टी के नेता या डेलिगेशन बार-बार जाते हैं. वहां वह कभी नहीं बोले कि इसमें हस्ताक्षर होना चाहिए. राज्यपाल के विधिक सलाहकार कौन हैं. मुझे लगता है कि ये एकात्म परिसर (रायपुर का बीजेपी मुख्यालय) में बैठते हैं. भाजपा के किसी भी नेता ने ये नहीं कहा कि राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर करें. विधिक सलाहकार विधानसभा से बड़े हो गए हैं.''

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सियासी रण

राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करना : भूपेश बघेल CM Bhupesh baghel ने कहा कि ''मैंने बोला कि यह राज्यपाल के जो विधिक सलाहकार हैं, वह कौन हैं. यह विधिक सलाहकार अकादमी परिसर में बैठते हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में आकर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. मेरे सारे अधिकारियों ने कहा है कि उनको अधिकार ही नहीं है. फिर भी छत्तीसगढ़ की करीब 3 करोड़ जनता के हितों को देखकर मैंने एक पत्र भिजवा दिया और जवाब भिजवा दिया. उसमें पता चल रहा है, फिर उसमें खामिया निकालेंगे. फिर जवाब दिया जाएगा. फिर खामियां निकालेंगे. कुल मिलाकर राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करना है और नहीं करना है तो बिल वापस कर दें. उनके अधिकार क्षेत्र में क्या है. उनके अधिकार क्षेत्र में है. बिल उचित नहीं लगता है तो सरकार को वापस कर दें दूसरा राष्ट्रपति को भेजें, तीसरा अनिश्चितकाल तक रखे रहे तो अनिश्चितकाल तक रखना चाहती हैं. उसके लिए बहाना ढूंढ रही हैं तो यह कतई उचित नहीं है और यह सलाहकार जो है विधानसभा से बड़ा हो गया. जो विधानसभा जो हमारे छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी पंचायत है जिसे प्रदेश के जनता का प्रतिनिधित्व विधानसभा करती है उसमें सर्वसम्मति से पारित किया गया. जिसमें सारे अनुभवी विधायक हैं, मंत्री हैं, वकील भी हैं. जिन्होंने एलएलबी किया हुआ है. सारे प्रक्रिया वर्षों से 6 बार 7 बार निर्वाचित विधायक हैं. उन्होंने उस में भाग लिया और विधिक सलाहकार कौन है जो एकात्म परिसर (रायपुर का बीजेपी मुख्यालय) में बैठता है वह विधानसभा से बड़ा हो गया.''

राज्यपाल पर सीएम भूपेश का आरोप, रमन सिंह ने किया पलटवार

मुंगेली : आरक्षण मामले पर सीएम भूपेश बघेल के भाजपा पर लगाया गए आरोप को लेकर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने पलटवार किया Raman hit back at CM Bhupesh है. डॉ रमन सिंह ने कहा कि "' राजभवन जब कोई चीज पहुंचती है तो राज्यपाल विधि विशेषज्ञों से बात करते हैं. सीएम भूपेश बघेल को शायद नहीं मालूम कि अटॉर्नी जनरल तक राज्यपाल के पास जाते हैं. अटॉर्नी जनरल की रिपोर्ट हिंदुस्तान में सबसे अंतिम होती है. गर्वनर चाहे तो किसी से भी सलाह ले सकते हैं.'' एकात्म परिसर से जुड़े सवाल पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि ''एकात्म परिसर का राजनीति से कोई लेना देना नहीं Reservation Amendment Bill in chhattisgarh है.''

सीएम भूपेश बघेल का गंभीर आरोप: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण मामले पर राज्यपाल के साइन नहीं होने को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि "आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है डॉ रमन सिंह जी ने एक राष्ट्रीय अखबार में बयान दिया है गवर्नर कैन नॉट बी साइन द बील ऑन विश ऑफ सीएम. ये जो बिल है विभाग तैयार करता है. कैबिनेट में प्रस्तुत होता है. कैबिनेट के अप्रूवल के बाद विधानसभा में एडवाइजरी कमेटी के पास रखा जाता है और उसके बाद विधानसभा में उसकी चर्चा होती है.''


एकात्म परिसर में बैठता है विधिक सलाहकार : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' जहां तक आरक्षण बिल की बात है सारी प्रक्रिया पूरी की गई है और विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ है. यह मुख्यमंत्री के बीच से नहीं हुआ है. यह विधानसभा के द्वारा सर्वसम्मति से पारित हुआ है. सभी लोगों ने भाग लिया है ऐसा कोई विपक्ष के लोग नहीं है जिसमें शामिल नहीं हुआ हो या भाषण नहीं दिया हो और उन्होंने भी पारित किया है. लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि रमन सिंह जैसे 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे वह कह रहे मुख्यमंत्री के बीच से , मुख्यमंत्री के बीच से नहीं यह विधानसभा से पारित हुआ है. यह मुख्यमंत्री से नहीं है विधानसभा से है. दूसरी बात आज तक के भारतीय जनता पार्टी के एक भी नेता जब सर्वसम्मति से पारित हुआ है. तो गवर्नर के पास एक भी बार नहीं कहा कि इसमें हस्ताक्षर करिए. उन्होंने कभी नहीं कहा एक भी भारतीय जनता पार्टी के नेता या डेलिगेशन बार-बार जाते हैं. वहां वह कभी नहीं बोले कि इसमें हस्ताक्षर होना चाहिए. राज्यपाल के विधिक सलाहकार कौन हैं. मुझे लगता है कि ये एकात्म परिसर (रायपुर का बीजेपी मुख्यालय) में बैठते हैं. भाजपा के किसी भी नेता ने ये नहीं कहा कि राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर करें. विधिक सलाहकार विधानसभा से बड़े हो गए हैं.''

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राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करना : भूपेश बघेल CM Bhupesh baghel ने कहा कि ''मैंने बोला कि यह राज्यपाल के जो विधिक सलाहकार हैं, वह कौन हैं. यह विधिक सलाहकार अकादमी परिसर में बैठते हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में आकर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. मेरे सारे अधिकारियों ने कहा है कि उनको अधिकार ही नहीं है. फिर भी छत्तीसगढ़ की करीब 3 करोड़ जनता के हितों को देखकर मैंने एक पत्र भिजवा दिया और जवाब भिजवा दिया. उसमें पता चल रहा है, फिर उसमें खामिया निकालेंगे. फिर जवाब दिया जाएगा. फिर खामियां निकालेंगे. कुल मिलाकर राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करना है और नहीं करना है तो बिल वापस कर दें. उनके अधिकार क्षेत्र में क्या है. उनके अधिकार क्षेत्र में है. बिल उचित नहीं लगता है तो सरकार को वापस कर दें दूसरा राष्ट्रपति को भेजें, तीसरा अनिश्चितकाल तक रखे रहे तो अनिश्चितकाल तक रखना चाहती हैं. उसके लिए बहाना ढूंढ रही हैं तो यह कतई उचित नहीं है और यह सलाहकार जो है विधानसभा से बड़ा हो गया. जो विधानसभा जो हमारे छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी पंचायत है जिसे प्रदेश के जनता का प्रतिनिधित्व विधानसभा करती है उसमें सर्वसम्मति से पारित किया गया. जिसमें सारे अनुभवी विधायक हैं, मंत्री हैं, वकील भी हैं. जिन्होंने एलएलबी किया हुआ है. सारे प्रक्रिया वर्षों से 6 बार 7 बार निर्वाचित विधायक हैं. उन्होंने उस में भाग लिया और विधिक सलाहकार कौन है जो एकात्म परिसर (रायपुर का बीजेपी मुख्यालय) में बैठता है वह विधानसभा से बड़ा हो गया.''

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