मुंगेली: richa jogi caste case जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला एक बार फिर गरमाने लगा है. आपको बता दें कि जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के खिलाफ फर्जी जाति मामले में मुंगेली के सिटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज पूर्व में हुआ था. जिसके बाद अब इस मामले में सियासत गरमा गई है. नाराज जेसीसीजे कार्यकर्ताओं ने मुंगेली के महाराणा प्रताप चौक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन किया. इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने नेत्री ऋचा जोगी के खिलाफ दर्ज़ एफआईआर को निरस्त करने की मांग की.
ऋचा जोगी के समर्थन में उतरे कार्यकर्ता: जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के समर्थन में आज जेसीसीजे के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. मुंगेली के महाराणा प्रताप चौक में जेसीसीजे कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन किया. इस दौरान लोरमी विधानसभा प्रभारी मनीष त्रिपाठी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ. जिसमें ऋचा जोगी के खिलाफ सिटी कोतवाली में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई.
ये है पूरा मामला: गौरतलब है कि बीते 16 नवंबर को मुंगेली के सिटी कोतवाली में राज्य स्तरीय छानबीन समिति के रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज़ कराई गई थी. आपको बता दें कि मुंगेली के जरहागांव क्षेत्र के पेंड्रीडीह में ऋजा रूपाली साधु के नाम से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी हुआ था. जिस पर शिकायतकर्ता संत कुमार नेताम एवं अन्य की शिकायत पर छानबीन समिति ने जांच में फर्जीवाड़ा पाया था. ऋचा जोगी के स्कूली दस्तावेज के साथ साथ उनके परिवार के जमीन खरीदी बिक्री के दस्तावेजों में आदिवासी जाति का उल्लेख नहीं था.
जाति प्रमाण पत्र किया गया था निरस्त: जांच के बाद मरवाही चुनाव के ठीक पहले उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था. जिसके बाद 16 नवंबर 2022 को राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश पर मुंगेली आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे की सूचना पर सिटी कोतवाली पुलिस ने सामाजिक परिस्थिति के कारण प्रभावी अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था.
एफआईआर निरस्त करने की मांग: अब इस पूरे मामले पर जेसीसीजे कार्यकर्ता अपनी पार्टी के नेता के बचाव में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऋजा जोगी की जाति से जुड़ा मामला पहले ही हाईकोर्ट ने लंबित है. ऐसे में एफआईआर को ये महज राजनैतिक द्वेष वश की गई कार्रवाई हैं.