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मुंगेली: फलों का राजा "आम" इस बार आमलोगों की पहुंच से हो जाएगा दूर, कहलाएगा खास

इस बार 'आम' आमलोगों की पहुंच से दूर होकर केवल खास लोगों के लिए ही उपलब्ध रहने वाला है

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Published : Mar 28, 2019, 1:14 PM IST

मुंगेली: आपने बच्चों को ये कहते तो सुना ही होगा की आम का मौसम आने वाला है. गर्मियों का सबसे पसंदिदा और लोकप्रय फल है फलों का राजा "आम". गर्मी का मौसम चाहे कितना भी तपाने और परेशान करने वाला हो, लेकिन आम की चाहत और स्वाद गर्मी का एहसास कम कर ही देती है. लेकिन हो सकता है इस बार मौसमी बरसात और आंधी तूफानों से नाराज 'आम' इस बार आम ना होकर खास हो.

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इस बार 'आम' आमलोगों की पहुंच से दूर होकर केवल खास लोगों के लिए ही उपलब्ध रहने वाला है. दरअसल इस साल फरवरी और मार्च माह में हुए बे मौसम बरसात और आंधी तूफान ने आम की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है.बात करें अगर मुंगेली जिले की करे तो इसे आम के एक बड़े गढ़ के रूप में जाना जाता है. जिले के मुंगेली इलाके के अलावा लोरमी और पथरिया क्षेत्र में भी आम की पैदावार अच्छी खासी होती है. लेकिन बीते दिनों हुए ओलावृष्टि से आम के बौर पूरी तरह से झड़ गए हैं.


ओलावृष्टि की वजह से इस साल आम की कम पैदावार होने की बात कही जा रही है. वहीं पैदावार कम होने से आम की कीमत भी इस बार बीते सालों के मुकाबले काफी कम होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. किसानों की माने तो आम इस बार आम लोगों की पहुंच से दूर ही रहेगा मौसमी बारीश से पूरे बौर झड़ गए है.

मुंगेली: आपने बच्चों को ये कहते तो सुना ही होगा की आम का मौसम आने वाला है. गर्मियों का सबसे पसंदिदा और लोकप्रय फल है फलों का राजा "आम". गर्मी का मौसम चाहे कितना भी तपाने और परेशान करने वाला हो, लेकिन आम की चाहत और स्वाद गर्मी का एहसास कम कर ही देती है. लेकिन हो सकता है इस बार मौसमी बरसात और आंधी तूफानों से नाराज 'आम' इस बार आम ना होकर खास हो.

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इस बार 'आम' आमलोगों की पहुंच से दूर होकर केवल खास लोगों के लिए ही उपलब्ध रहने वाला है. दरअसल इस साल फरवरी और मार्च माह में हुए बे मौसम बरसात और आंधी तूफान ने आम की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है.बात करें अगर मुंगेली जिले की करे तो इसे आम के एक बड़े गढ़ के रूप में जाना जाता है. जिले के मुंगेली इलाके के अलावा लोरमी और पथरिया क्षेत्र में भी आम की पैदावार अच्छी खासी होती है. लेकिन बीते दिनों हुए ओलावृष्टि से आम के बौर पूरी तरह से झड़ गए हैं.


ओलावृष्टि की वजह से इस साल आम की कम पैदावार होने की बात कही जा रही है. वहीं पैदावार कम होने से आम की कीमत भी इस बार बीते सालों के मुकाबले काफी कम होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. किसानों की माने तो आम इस बार आम लोगों की पहुंच से दूर ही रहेगा मौसमी बारीश से पूरे बौर झड़ गए है.

Intro:फलों का राजा "आम" इस बार आमलोगों की पहुंच से इसलिए हो जाएगा दूर,आम कहलायेगा ख़ास


Body:मुंगेली: फलों के राजा यानी आम इस बार आम लोगों की पहुंच से दूर होकर केवल खास लोगों के लिए ही उपलब्ध रहने वाला है. दरअसल इस वर्ष फरवरी और मार्च माह में हुए बे मौसम बरसात और आंधी तूफान ने आम की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है. बात करें अगर मुंगेली जिले की तो इसे आम के एक बड़े गढ़ के रूप में जाना जाता है.जिले के मुंगेली इलाके के अलावा लोरमी और पथरिया क्षेत्र में भी आम की पैदावार अच्छी खासी होती है. लेकिन बीते दिनों हुए ओलावृष्टि से आम के मौर पूरी तरह से झड़ गए हैं. इसके चलते इस वर्ष आम की कम पैदावार होने की बात कही जा रही है. वहीं पैदावार कम होने से आम की कीमत भी इस बार बीते वर्षो की तुलना में काफी अधिक होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. किसानों की माने तो आम इस बार आम ना होकर खास होने वाला है. गौरतलब है कि बीते दिनों हुए लगातार बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों के अलावा आम की फसल पर भी खासा नुकसान हुआ है आम इस इस बार आम आदमी की पहुंच से दूर ही रहने वाला है।


Conclusion:बाइट-1- माखन (किसान)
बाइट-2-नितेश पाठक (किसान)...(पीले रंग की टीशर्ट)
रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
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