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मुंगेली के ATR में घायल बाघिन हो रही स्वस्थ, खुराक बढ़ी, CCTV से हो रही निगरानी

मुंगेली के अचानकमार टाइगर रिजर्व में 8 जून को घायल अवस्था में बाघिन को रेस्क्यू (tigress rescued from ATR) किया गया था. जिसके बाद उसका बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में इलाज किया जा रहा है. जहां उसकी हालत में सुधार होने की पुष्टि अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर (deputy director of Achanakmar tiger reserve) सत्यदेव शर्मा ने की है.

Tigress rescued from Achanakmar Tiger Reserve
अचानकमार टाइगर रिजर्व की घायल बाघिन हो रही स्वस्थ
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Published : Jun 16, 2021, 1:20 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 2:05 PM IST

मुंगेली: अचानकमार टाइगर रिजर्व में कुछ दिनों पहले घायल बाघिन को रेस्क्यू किया गया था. उसे इलाज के लिए बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में ले जाया गया. अब उसकी हालत में अब सुधार हो रहा है. इसकी जानकारी एटीआर (Achanakmar tiger reserve) के डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने दी है. उन्होंने बताया कि बाघिन को एक्सपर्ट डाक्टरों की निगरानी में अलग से कानन पेंडारी जू (Kanan Pendari zoo) में रखा गया है. जहां उसका इलाज जारी है.

ठीक हो रही एटीआर में घायल बाघिन

अचानकमार टाइगर रिजर्व में घायल बाघिन की हालत स्थिर, ATR पर शुरू हुई राजनीति

सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही निगरानी

बाघिन की निगरानी के लिए पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के निर्देश पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बाघिन का जिस जगह इलाज जारी है, वहां डॉक्टरों के अलावा किसी अन्य को जाने की इजाजत नहीं दी गई है. बाघिन पर चौबीसों घंटे कैमरे से कड़ी नजर रखी जा रही है. उसे रोजाना 10 से 12 किलो मांस खाने में परोसा जाता है. बढ़ती डाइट देखते हुए जाहिर होता है कि बाघिन अब स्वस्थ हो रही है.

डिप्टी डायरेक्टर ने दी सेहत में सुधार होने की जानकारी

अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि घायल बाघिन के इलाज के लिए कानन पेंडारी जू के अलावा एटीआर और रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर भी लगे हुए हैं. बाघिन को जिस जगह चोट लगी है, वहां की हर एक-दो दिन में ड्रेसिंग की जा रही है. डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन की डाइट भी बढ़ती जा रही है और वो तय मात्रा में पानी भी रही है. जिससे उसका यूरिन भी ठीक से हो रहा है.

एटीआर से घायल बाघिन का हुआ रेस्क्यू, कानन पेंडारी जू में चल रहा इलाज

एटीआर की बढ़ाएगी शोभा

अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को उम्मीद है कि घायल बाघिन जल्द ही स्वस्थ होकर एक बार फिर से एटीआर के जंगलों की शोभा बढ़ाएगी, लेकिन घायल बाघिन को जू में ही रखना है या फिर टाइगर रिजर्व में फिर से छोड़ना है, इस बात का फैसला वाइल्डलाइफ के आला अधिकारी ही करेंगे.

सांभरधसान के जंगल से पिछले 8 जून को एक बाघिन को घायल अवस्था में रेस्क्यू कर पकड़ा गया था. घायल बाघिन के पीठ और पीछे के पैर में चोट के निशान हैं. जिसे लेकर शिकार की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में उसका इलाज किया जा रहा है. जहां वो स्वस्थ हो रही है.

मुंगेली: अचानकमार टाइगर रिजर्व में कुछ दिनों पहले घायल बाघिन को रेस्क्यू किया गया था. उसे इलाज के लिए बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में ले जाया गया. अब उसकी हालत में अब सुधार हो रहा है. इसकी जानकारी एटीआर (Achanakmar tiger reserve) के डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने दी है. उन्होंने बताया कि बाघिन को एक्सपर्ट डाक्टरों की निगरानी में अलग से कानन पेंडारी जू (Kanan Pendari zoo) में रखा गया है. जहां उसका इलाज जारी है.

ठीक हो रही एटीआर में घायल बाघिन

अचानकमार टाइगर रिजर्व में घायल बाघिन की हालत स्थिर, ATR पर शुरू हुई राजनीति

सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही निगरानी

बाघिन की निगरानी के लिए पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के निर्देश पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बाघिन का जिस जगह इलाज जारी है, वहां डॉक्टरों के अलावा किसी अन्य को जाने की इजाजत नहीं दी गई है. बाघिन पर चौबीसों घंटे कैमरे से कड़ी नजर रखी जा रही है. उसे रोजाना 10 से 12 किलो मांस खाने में परोसा जाता है. बढ़ती डाइट देखते हुए जाहिर होता है कि बाघिन अब स्वस्थ हो रही है.

डिप्टी डायरेक्टर ने दी सेहत में सुधार होने की जानकारी

अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि घायल बाघिन के इलाज के लिए कानन पेंडारी जू के अलावा एटीआर और रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर भी लगे हुए हैं. बाघिन को जिस जगह चोट लगी है, वहां की हर एक-दो दिन में ड्रेसिंग की जा रही है. डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन की डाइट भी बढ़ती जा रही है और वो तय मात्रा में पानी भी रही है. जिससे उसका यूरिन भी ठीक से हो रहा है.

एटीआर से घायल बाघिन का हुआ रेस्क्यू, कानन पेंडारी जू में चल रहा इलाज

एटीआर की बढ़ाएगी शोभा

अचानकमार टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को उम्मीद है कि घायल बाघिन जल्द ही स्वस्थ होकर एक बार फिर से एटीआर के जंगलों की शोभा बढ़ाएगी, लेकिन घायल बाघिन को जू में ही रखना है या फिर टाइगर रिजर्व में फिर से छोड़ना है, इस बात का फैसला वाइल्डलाइफ के आला अधिकारी ही करेंगे.

सांभरधसान के जंगल से पिछले 8 जून को एक बाघिन को घायल अवस्था में रेस्क्यू कर पकड़ा गया था. घायल बाघिन के पीठ और पीछे के पैर में चोट के निशान हैं. जिसे लेकर शिकार की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में उसका इलाज किया जा रहा है. जहां वो स्वस्थ हो रही है.

Last Updated : Jun 16, 2021, 2:05 PM IST
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