मुंगेली: लोरमी के अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) में बीते दिनों घायल अवस्था में मिली बाघिन की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. घायल बाघिन का इलाज (Treatment of injured tigress) बिलासपुर के कानन पेंडारी जू (Kanan Pendari Zoo) में एक्सपर्ट डाक्टरों की टीम के द्वारा किया जा रहा है. इसके बावजूद बाघिन की हालत में सुधार नहीं हो रहा है. ETV BHARAT को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन ने खाना भी छोड़ दिया है. जिसके चलते उसे एक दिन के अंतराल में मांस परोसा जा रहा है. जिसे भी वो ठीक तरह से नहीं खा पा रही है.
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एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर ने की पुष्टि
वहीं बाघिन की सेहत खराब होने की पुष्टि भी एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने कर दी है. डिप्टी डायरेक्टर के मुताबिक बाघ के स्वास्थ्य के लिए गठित कमेटी नें कुछ दिन पहले कानन पेंडारी जू जाकर निरीक्षण किया है. बाघिन का हेल्थ रिपोर्ट देखने पर कमेटी ने ये निर्णय लिया है कि, बाघिन को अभी जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है. डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा के मुताबिक उसके पिछले पैर में अभी भी चोट है. जिसके चलते वो मूवमेंट नहीं कर पा रही है. घायल बाघिन के इलाज के लिए बाहर से चिकित्सक बुलाकर इलाज किया जा रहा है.
घायल अवस्थी में मिली थी बाघिन
गौरतलब है कि घायल बाघिन बीते दिनों 4 जून को एटीआर के छपरवा रेंज में घायल अवस्था में मिली थी. बाघिन के पिछले पैर और कमर पर गंभीर चोट के निशान थे. जिसकी जानकारी वनग्राम के लोगों नें एटीआर प्रबंधन को दी थी. बावजूद उसके बाघिन का समय पर रेस्क्यू नहीं किया जा सका था. जिसके बाद पूरे मामले की खबर ETV BHARAT ने प्रमुखता से उठाई थी. जिसके बाद प्रबंधन और वन महकमा सक्रिय हुआ था. बाघिन के चोट लगने के कारण आज तक एटीआर प्रबंधन स्पष्ट नहीं कर पाया है. लेकिन ऐसी आशंका जरुर व्यक्त की जाती रही है कि शिकार की नीयत से बाघिन को निशाना बनाया गया होगा. फिलहाल बाघिन की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है.