मुंगेली: एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए प्रदेशभर में रेत घाटों को ठेके पर दे रही है, ताकि सरकार को रेत घाटों से राजस्व मिल सके. दूसरी तरफ जिले के लोरमी इलाके में रेत माफिया खुलेआम अवैध रेत उत्खनन कर शासन को रोजाना लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं. लोरमी इलाके में धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन का कारोबार चल रहा है. यहां मनियारी और आगर नदी के किनारे लगातार रेत का अवैध खनन हो रहा है. इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंखे मूंदे हुए हैं.
लोरमी इलाके में शासन ने अभी तक केवल 3 रेत घाटों का ठेके पर दिया है. जबकि इलाके में 30 से अधिक रेत घाटों में अवैध तरीके से उत्खनन किया जा रहा है. ग्रामीण इलाके तो दूर लोरमी अनुविभाग के शहरी इलाकों में भी खुलेआम नदियों के किनारे से रेत उत्खनन किया जा रहा है.
पूर्व विधायक का सरकार पर आरोप
लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू इस मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. तोखन के मुताबिक इलाके में अवैध रेत उत्खनन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. वहीं सरकार ने ठेका पद्धति चालू करके नए तरह के विवाद को जन्म दे दिया है. इससे ठेकेदारों के बीच गैंगवार होनें की आशंका बनी हुई है. वर्तमान विधायक धरमजीत सिंह भी इसी तरह की आशंका जता चुके हैं. मामले में जब SDM से बात की गई तो उन्होंने कार्रवाई किये जाने की बात कही.
जब्ती की कार्रवाई सिर्फ दिखावा
ट्रैक्टर और हाइवा में भरकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आ रहे हैं. खानापूर्ति के नाम पर एक दो वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है.