मुंगेली : कहने को तो सरकार और सरकारी योजनाए पीने के पानी को लेकर कई वादे करते है, लेकिन ये सभी वादे जमीन स्तर पर खोखले नजर आ रहे है. अगर सरकारी दावों की असल हकीकत जानना हो तो आपको लोरमी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 आना होगा. जहां सभी सरकारी दावे फेल होते नजर आएंगे.
गर्मी शुरू होते ही लोरमी के कई इलाकों में जलसंकट गहरा जाता है. कई वार्डों में पीने के पानी के लिए लोगों को घंटों सरकारी नलों पर लाइन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. वहीं बिजली गुल होने की स्थिति में ये संकट पूरे लोरमी नगर पंचायत के सभी वार्डों में देखने को मिलती है. ऐसे संकट की घड़ी में सरकारी हैंडपंप एक बड़ा सहारा होता है, लेकिन ये सहारा भी लोगों से छिन जाए तो वो बूंद-बूंद के लिए वे मोहताज हो जाते हैं.
हैंडपंप सड़क से नीचे आ गया
नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 में नहर के पास लोरमी-पंडरिया मुख्य मार्ग के करीब लगा ये हैंडपंप विभागीय उदासीनता का शिकार हो गया है. कुछ साल पहले मुख्य मार्ग के सड़क निर्माण के दौरान सड़क की ऊंचाई तो बढ़ गई, लेकिन ये हैंडपंप सड़क से नीचे आ गया. हैंडपंप होने की वजह से इसका आधा हिस्सा जमीन के अंदर दब गया है. लगभग 4 सालों से यह हैंडपंप इसी हालात में पड़ा हुआ है. न तो आज तक इसमें सुधारा किया गया है और न ही इसकी ऊंचाई बढ़ाई गई है.
सरकारी हैंडपंप पिछले तीन साल से बंद
लोगों का कहना है कि ये समस्या आज की नहीं है बल्कि पिछले तीन साल से लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. सरकारी हैंडपंप पिछले तीन साल से बंद है. वो पूरी तरह से जमीन में धंस गया है. साथ ही लाइट के कटते ही वार्डवासियों को पानी के समस्या से जूझना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकरी नगर पंचायत अध्यक्ष समेत जनप्रतिनिधि को नहीं है लेकिन इस पर किसी ने भी ध्यान देना जरुरी नहीं समझा.