मुंगेलीः जिले में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इलाके के अधिकांश नदी-नाले पूरी तरह से उफान पर है. मनियारी नदी और आगर नदी भी उफान पर है. मनियारी नदी के किनारे बसे करीब दो दर्जन से ज्यादा घर पानी में डूब चुके हैं. बाढ़ की चपेट में आने से लगभग 4 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण इलाके के प्रभावित लोग पूरी रात कमर तक पानी में भगवान भरोसे काटने के लिए मजबूर हैं. वही पीड़ित परिवारों को देर रात तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पायी है.
प्रभावितों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
तेज बारिश की वजह से नगर पंचायत लोरमी में कई वार्ड टापू में बदला गए हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर हरि विहार कॉलोनी में है. पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा है. साथ ही स्थानीय प्रशासन नगर पंचायत की ओर से भी प्रभावितों के लिए अभी तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पायी है. मदद के नाम पर पटवारी और कोटवार को भेजकर खानापूर्ति की जा रही है. बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ लोगो में भारी नाराजगी है.
प्रशासन की लापरवाही
मूसलाधार बारिश के कारण जिले के सबसे बड़ा डेम राजीव गांधी जलाशय पूरी तरह भर गया है. डेम का अतिरिक्त पानी वेस्ट वेयर के जरिये मनियारी नदी में प्रवाहित हो रहा है. इससे बारिश और डेम का पानी नदी में आने से जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है और खतरे की आशंका बनी हुई है. मौसम विभाग ने जिले में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी कर दी थी. इसके बावजूद जिस तरह की प्रशासनिक तैयारियां की जानी थी, वह नहीं दिख रही है. बताया जा रहा है कि इस तरह के हालात 5 वर्ष बाद बने हैं.