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मुंगेलीः बाढ़ ने किया लोगों को बेघर, प्रशासन की ओर से भी नहीं कोई राहत

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Published : Sep 29, 2019, 8:39 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:59 AM IST

मुंगेली में मूसलाधार बारिश की वजह से मनियारी नदी और आगर नदी उफान पर हैं. इससे जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है. प्रशासन की ओर से प्रभावितों को कोई मदद नहीं मिल पाने से वे खुले आसमान के नीचे बारिश में रात गुजारने के लिए मजबूर हैं.

लोरमी में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिती

मुंगेलीः जिले में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इलाके के अधिकांश नदी-नाले पूरी तरह से उफान पर है. मनियारी नदी और आगर नदी भी उफान पर है. मनियारी नदी के किनारे बसे करीब दो दर्जन से ज्यादा घर पानी में डूब चुके हैं. बाढ़ की चपेट में आने से लगभग 4 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

लोरमी में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिती

मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण इलाके के प्रभावित लोग पूरी रात कमर तक पानी में भगवान भरोसे काटने के लिए मजबूर हैं. वही पीड़ित परिवारों को देर रात तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पायी है.

प्रभावितों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
तेज बारिश की वजह से नगर पंचायत लोरमी में कई वार्ड टापू में बदला गए हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर हरि विहार कॉलोनी में है. पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा है. साथ ही स्थानीय प्रशासन नगर पंचायत की ओर से भी प्रभावितों के लिए अभी तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पायी है. मदद के नाम पर पटवारी और कोटवार को भेजकर खानापूर्ति की जा रही है. बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ लोगो में भारी नाराजगी है.

प्रशासन की लापरवाही
मूसलाधार बारिश के कारण जिले के सबसे बड़ा डेम राजीव गांधी जलाशय पूरी तरह भर गया है. डेम का अतिरिक्त पानी वेस्ट वेयर के जरिये मनियारी नदी में प्रवाहित हो रहा है. इससे बारिश और डेम का पानी नदी में आने से जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है और खतरे की आशंका बनी हुई है. मौसम विभाग ने जिले में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी कर दी थी. इसके बावजूद जिस तरह की प्रशासनिक तैयारियां की जानी थी, वह नहीं दिख रही है. बताया जा रहा है कि इस तरह के हालात 5 वर्ष बाद बने हैं.

मुंगेलीः जिले में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इलाके के अधिकांश नदी-नाले पूरी तरह से उफान पर है. मनियारी नदी और आगर नदी भी उफान पर है. मनियारी नदी के किनारे बसे करीब दो दर्जन से ज्यादा घर पानी में डूब चुके हैं. बाढ़ की चपेट में आने से लगभग 4 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

लोरमी में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिती

मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण इलाके के प्रभावित लोग पूरी रात कमर तक पानी में भगवान भरोसे काटने के लिए मजबूर हैं. वही पीड़ित परिवारों को देर रात तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पायी है.

प्रभावितों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
तेज बारिश की वजह से नगर पंचायत लोरमी में कई वार्ड टापू में बदला गए हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर हरि विहार कॉलोनी में है. पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा है. साथ ही स्थानीय प्रशासन नगर पंचायत की ओर से भी प्रभावितों के लिए अभी तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पायी है. मदद के नाम पर पटवारी और कोटवार को भेजकर खानापूर्ति की जा रही है. बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ लोगो में भारी नाराजगी है.

प्रशासन की लापरवाही
मूसलाधार बारिश के कारण जिले के सबसे बड़ा डेम राजीव गांधी जलाशय पूरी तरह भर गया है. डेम का अतिरिक्त पानी वेस्ट वेयर के जरिये मनियारी नदी में प्रवाहित हो रहा है. इससे बारिश और डेम का पानी नदी में आने से जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है और खतरे की आशंका बनी हुई है. मौसम विभाग ने जिले में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी कर दी थी. इसके बावजूद जिस तरह की प्रशासनिक तैयारियां की जानी थी, वह नहीं दिख रही है. बताया जा रहा है कि इस तरह के हालात 5 वर्ष बाद बने हैं.

Intro:एक्सक्लूसिव
मुंगेली- जिले में हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. यहां के अधिकांश नदी-नाले पूरी तरह से उफ़ान पर है। बात करें अगर लोरमी इलाके की तो मनियारी नदी का जलस्तर अधिक बढ़ने से उसके किनारे बसे दर्जनभर से अधिक मकान डूब चुके हैं. पीड़ित परिवार भगवान भरोसे ही रात काटने को मजबूर है। वहीं इन पीड़ित परिवारों को देर रात तक कोई सरकारी मदद नही मिल पायी।Body:लोरमी इलाके में हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।यहां के मनियारी नदी और आगर नदी उफ़ान पर है।मनियारी नदी के करीब बसे दो दर्ज़न से अधिक घरों में पानी घुस गया है।उफनती मनियारी नदी की चपेट में आने से 4 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।बाढ़ के चलते प्रभावितों ने सारी रात खुले आसमान के नीचे बरसते पानी मे काटा। पीड़ितों की मदद के लिए अभी तक प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नही पहुंचा। प्रशासन की ओर से पटवारी और कोटवार को भेजकर मदद के नाम खानापूर्ति की गई है।बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई है। प्रशासन के इस गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये कब खिलाफ भारी नाराजगी है।वहीं बारिश से नगर पंचायत के कई वार्ड टापू में तब्दील हो गए है।सबसे ज्यादा असर हरि विहार कालोनी में देखने को मिल रहा है।नगर पंचायत की ओर से प्रभावितों को किसी तरह की।मदद अभी तक नही पहुंचायी गई है। Conclusion:प्रशासनिक लापरवाही
मौसम विभाग ने मुंगेली जिले में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी कर दी थी, बावजूद इसके जिस तरह की प्रशासनिक तैयारियां होनी थी वह यहां पर नहीं दिखी. मनियारी नदी की जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है उससे खतरे की आशंका बनी हुई है।जिले के सबसे बड़े डेम राजीवगांधी जलाशय पूरी तरह भर गया है।ऐसे में डेम का अतिरिक्त पानी वेस्ट वेयर के जरिये मनियारी नदी में प्रवाहित हो रहा है।ऐसे में डेम के पानी और बारिश का पानी मिलने से मनियारी नदी में बाढ़ आ गया है। बताया जा रहा है कि इस तरह के हालात 5 वर्ष बाद बना है।
बाइट-1-देवती बाई वैष्णव (बाढ़ पीड़िता) बाइट-2-बलिराम विश्वकर्मा (बाढ़ पीड़ित)

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
Last Updated : Sep 29, 2019, 11:59 AM IST
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