मुंगेली : जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी (Amit Jogi wife Richa Jogi) के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र (fake caste certificate case) मामले में मुंगेली के सिटी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई (FIR against Richa Jogi in Mungeli ) है. प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी की भूमिका की भी जांच करने की बात सामने आ रही है. राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
ये है पूरा मामला : मुंगेली के जरहागांव क्षेत्र के पेंड्री डीह में ऋचा रूपाली साधु के नाम से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी हुआ था. जिस पर शिकायतकर्ता संत कुमार नेताम एवं अन्य की शिकायत पर छानबीन समिति ने जांच में फर्जीवाड़ा पाया था. ऋचा जोगी के स्कूली दस्तावेज के साथ-साथ उसके परिवार के जमीन खरीदी बिक्री के दस्तावेजों में आदिवासी जाति का उल्लेख नहीं था. जांच के बाद मरवाही चुनाव के ठीक पहले उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था.
किनकी रिपोर्ट पर हुआ मामला दर्ज: अब राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश पर मुंगेली आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे की सूचना पर सिटी कोतवाली पुलिस ने सामाजिक परिस्थिति प्रभावीकरण अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है. मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि ''जांच के बाद राज्य स्तरीय छानबीन समिति के निर्देश कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस विभाग को लिखा गया था प्रमाणपत्र बनाने वाले अधिकारी की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी.''
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जिले के एसपी चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि ''जाति मामले में ऋचा जोगी पर सामाजिक प्ररिस्थिति प्रभाविकरण अधिनियम की धारा 10 के तहत अपराध दर्ज किया गया है आगे जांच की जा रही है.''
ऋचा जोगी की प्रतिक्रिया: ऋचा जोगी ने कहा है कि ''मेरे खिलाफ जो एफआईआर दर्ज हुई है ,उससे एक बार फिर साबित होता है कि सरकार जोगेरिया से ग्रसित है. हमारी पार्टी की 'जोगी जन अधिकार पदयात्रा 'शुरू होने से पहले ही मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गई है. उससे यह साबित होता है कि सरकार पहले ही डर गई है. जन अधिकार पदयात्रा में मुझे अकलतरा का पर्यवेक्षक बनाया गया है. मुझे इस पदयात्रा से र दूर रखने के लिए सरकार ने नए हथकंडे अपनाए हैँ. पहले मेरे बाबूजी को टारगेट किया जाता था, फिर मेरे पति को टारगेट किया जाता है और अब मुझे टारगेट किया जा रहा है. मैं इससे डरने वाली नहीं हूं. मैं कोर्ट में जाकर एफआईआर को चैलेंज करूंगी. मैं एक मां हूं और सरकार से मैं यही कहना चाहती हूं कि एक मां की हिम्मत की परीक्षा मत लीजिये.''