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भारी बारिश से उफान पर नदी-नाले, खरीफ की फसल पर मंडराया खतरा

मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अचानक हो रही बारिश का नुकसान सबसे ज्यादा किसानों को उठाना पड़ेगा. इस बारिश से जिले में तैयार फसलों को नुकसान हो सकता है.

भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर, फसलों पर मंडराया खतरा
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Published : Oct 18, 2019, 8:30 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 10:10 PM IST

मुंगेली: लोरमी में हुई भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. बारिश की वजह जहां तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है, वहीं अचानक आसमान से बरसी आफत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर, फसलों पर मंडराया खतरा

नदी-नाले उफान पर, जलभराव के हालात
भारी बारिश के कारण इलाके के ज्यादातर नदी-नाले उफान पर हैं. लोरमी नगर के बीच से बहनें वाली मनियारी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. लोरमी के निचली बस्तियों में जलभराव जैसे हालात हैं. लगातार हो रही बारिश से तापमान में भी काफी गिरावट आ गई है.

फसलों को नुकसान की आशंका
लगातार हो रही बारिश से खरीफ फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. लोरमी इलाके में लगभग 43 हजार हेक्टेयर में किसान खरीफ की फसल लगाते हैं. अगर पूरे ब्लॉक की बात करें, तो यहां पर खरीफ फसल का रकबा लगभग 43 हजार हेक्टेयर है. इसमें से अकेले धान का रकबा 38 हजार 490 हेक्टेयर के करीब है. ऐसे में तैयार फसल पर बारिश का साफ असर देखने को मिल सकता है. सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को होगा जिनके धान के फसल पककर तैयार हो गई है. ऐसे में धान फसल की बालियां गिरनें और उन पर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

मुंगेली: लोरमी में हुई भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. बारिश की वजह जहां तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है, वहीं अचानक आसमान से बरसी आफत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.

भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर, फसलों पर मंडराया खतरा

नदी-नाले उफान पर, जलभराव के हालात
भारी बारिश के कारण इलाके के ज्यादातर नदी-नाले उफान पर हैं. लोरमी नगर के बीच से बहनें वाली मनियारी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. लोरमी के निचली बस्तियों में जलभराव जैसे हालात हैं. लगातार हो रही बारिश से तापमान में भी काफी गिरावट आ गई है.

फसलों को नुकसान की आशंका
लगातार हो रही बारिश से खरीफ फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. लोरमी इलाके में लगभग 43 हजार हेक्टेयर में किसान खरीफ की फसल लगाते हैं. अगर पूरे ब्लॉक की बात करें, तो यहां पर खरीफ फसल का रकबा लगभग 43 हजार हेक्टेयर है. इसमें से अकेले धान का रकबा 38 हजार 490 हेक्टेयर के करीब है. ऐसे में तैयार फसल पर बारिश का साफ असर देखने को मिल सकता है. सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को होगा जिनके धान के फसल पककर तैयार हो गई है. ऐसे में धान फसल की बालियां गिरनें और उन पर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

Intro:मुंगेली- जिले के लोरमी में हुई भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। बारिश के चलते जहां तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अचानक हुई भारी बारिश से किसानों की चिंता बढ़ाकर रख दी है।Body:लोरमी इलाकें में हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते यहां के अधिकांश नदी-नाले उफान पर है।लोरमी नगर के बीच से बहनें वाली मनियारी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। लोरमी के अधिकांश निचली बस्तियों में पानी का भराव हो गया है। दोपहर से हो रही लगातार बारिश से तापमान में भी काफी गिरावट आ गयी है। पुरा इलाका ठण्ड की चपेट में है। वहीं लगातार हो रही बारिश से खरीफ फसल को भारी नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है। गौरतलब है कि लोरमी इलाकें में लगभग 43 हजार हेक्टेयर में किसान खरीफ की फसल लेते हैं। ऐसे में तैयार फसल पर बारिश का साफ असर देखनें को मिल सकता है। सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को होगा जिनके धान के फसल कटनें को तैयार हो गये हैं। ऐसे में धान फसल की बालियां गिरनें और उन पर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
Conclusion:वहीं अगर पूरे ब्लॉक की बात करें, तो यहां पर खरीफ फसल कर रकबा लगभग 43 हजार हेक्टेयर है. इसमें से अकेले धान का रकबा 38 हजार 490 हेक्टेयर के करीब है.

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
Last Updated : Oct 18, 2019, 10:10 PM IST
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