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मुंगेली: कश्मीर में हैंड ग्रेनेड की चपेट में आए पीड़ित ने लगाई सरकार से बेहतर इलाज की गुहार - रोजगार की तलाश में कश्मीर

14 जुलाई को कश्मीर में हैंड ग्रेनेड की चपेट में आने से घायल संदीप की इलाज के लिए उसके परिजन अब छत्तीसगढ़ सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

कश्मीर में हैंड ग्रेनेड की चपेट में आने से घायल संदीप
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Published : Sep 2, 2019, 10:44 PM IST

Updated : Sep 3, 2019, 9:27 AM IST

मुंगेली: रोजी-रोटी की तलाश में लोरमी से कश्मीर गया एक लड़का हैंड ग्रेनेड की चपेट में आ गया था, जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गया था, जिसे वहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.

पीड़ित ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

कश्मीर में इलाज के बाद थोड़ा ठीक होने पर वह छत्तीसगढ़ लौट आया है. अभी भी उसे इलाज की जरूरत है, लेकिन छत्तीसगढ़ में उसे ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है, जिसके कारण उसे दर-दर भटकना पड़ रहा है. अब उसके परिजनों ने उसकी इलाज के लिए सरकार से गुहार लगाई है. घर में आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण फिलहाल उसे किसी अस्पताल में भर्ती न करा घर में ही रखकर इलाज कराया जा रहा है.

शहद निकालने गया था कश्मीर
बताया जा रहा है कि लोरमी का संतोष ध्रुव शहद निकालने का काम करता है. इसी सिलसिले में वह कश्मीर गया था, जहां उसे अच्छा मेहनताना मिलता था. बीते 2 साल से वह कश्मीर के कुलगांव जिले के देवसर में रहकर शहद निकालने का काम कर रहा था. इसी बीच वह 15 वर्षीय नाबालिग बेटे संदीप को भी कश्मीर लेकर गया था, जहां कुछ दिन रहने के बाद बेटे को वहीं ठेकेदार के पास छोड़कर संतोष छत्तीसगढ़ लौट आया था. इसी दौरान 14 जुलाई को संदीप अपने कश्मीरी दोस्तों के साथ घूमने निकला था. वहां से लौटते वक्त संदीप ने सड़क किनारे एक चमकीली चीज देखकर उसे उठा लिया, जिसे उठाते ही उसमें तेज धमाका हुआ. इस धमाके में संदीप का हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया. हादसे ने उसकी दोनों आंखों की रोशनी भी चली गई है.

पढ़ें : जांजगीर-चांपा : तूफान ने मचाई तबाही, कहीं गिरे पेड़ तो कहीं बिजली गुल

राज्य सरकार से बेहतर इलाज की गुहार
संदीप को पहले श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद 22 अगस्त को संदीप अपने पिता के साथ गांव आ गया, लेकिन उसकी हालत ठीक नहीं है. वहीं घर की आर्थिक स्थिति भी खराब होने की वजह से गरीब पिता बेटे की इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

मुंगेली: रोजी-रोटी की तलाश में लोरमी से कश्मीर गया एक लड़का हैंड ग्रेनेड की चपेट में आ गया था, जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गया था, जिसे वहां इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.

पीड़ित ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

कश्मीर में इलाज के बाद थोड़ा ठीक होने पर वह छत्तीसगढ़ लौट आया है. अभी भी उसे इलाज की जरूरत है, लेकिन छत्तीसगढ़ में उसे ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है, जिसके कारण उसे दर-दर भटकना पड़ रहा है. अब उसके परिजनों ने उसकी इलाज के लिए सरकार से गुहार लगाई है. घर में आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण फिलहाल उसे किसी अस्पताल में भर्ती न करा घर में ही रखकर इलाज कराया जा रहा है.

शहद निकालने गया था कश्मीर
बताया जा रहा है कि लोरमी का संतोष ध्रुव शहद निकालने का काम करता है. इसी सिलसिले में वह कश्मीर गया था, जहां उसे अच्छा मेहनताना मिलता था. बीते 2 साल से वह कश्मीर के कुलगांव जिले के देवसर में रहकर शहद निकालने का काम कर रहा था. इसी बीच वह 15 वर्षीय नाबालिग बेटे संदीप को भी कश्मीर लेकर गया था, जहां कुछ दिन रहने के बाद बेटे को वहीं ठेकेदार के पास छोड़कर संतोष छत्तीसगढ़ लौट आया था. इसी दौरान 14 जुलाई को संदीप अपने कश्मीरी दोस्तों के साथ घूमने निकला था. वहां से लौटते वक्त संदीप ने सड़क किनारे एक चमकीली चीज देखकर उसे उठा लिया, जिसे उठाते ही उसमें तेज धमाका हुआ. इस धमाके में संदीप का हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया. हादसे ने उसकी दोनों आंखों की रोशनी भी चली गई है.

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राज्य सरकार से बेहतर इलाज की गुहार
संदीप को पहले श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद 22 अगस्त को संदीप अपने पिता के साथ गांव आ गया, लेकिन उसकी हालत ठीक नहीं है. वहीं घर की आर्थिक स्थिति भी खराब होने की वजह से गरीब पिता बेटे की इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

Intro:मुंगेली- पिता के साथ रोजी-रोटी की तलाश में लोरमी से कश्मीर जाना एक युवक को इतना भारी पड़ गया कि अब उसकी जान पर ही बन आयी है। दरअसल कश्मीर इलाके में आतंकी आए दिन अपना निशाना बनाते रहते हैं। ऐसे में वह आतंक फैलाने के लिए हथियार और गोला-बारूद भी जगह-जगह रखे रहते हैं। ऐसे ही एक विस्फोटक पदार्थ की चपेट में आकर मुंगेली जिले के लोरमी का युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को गंभीर अवस्था में उसके गांव लाया गया है लेकिन उसकी हालत ठीक नहीं है। वहीं घर की आर्थिक स्थिति भी खराब होने की वजह से गरीब पिता बेटे के इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है।


Body:पैरों पर जख्म के निशान,,, आंखों के सामने पसरा अंधेरा,,, गायब हुई हाथों की उंगलियां,,, शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं जिसे बारूद ने छलनी ना किया हो. जी हां यह दर्द है उस नाबालिग युवक का जो रोजी-रोटी की तलाश में अपने पिता के साथ गया तो था बड़े अरमान सजाकर लेकिन जो हुआ उसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। दरअसल लोरमी के कोसा बाड़ी में रहने वाला संतोष ध्रुव पेशे से शहद निकालने का काम करता है। उसे पता चला कि शहद निकालने की इस काम का कश्मीर में अच्छा मेहनताना मिलता है. जिसके चलते वह बीते 2 साल से कश्मीर के कुलगांव जिले के देवसर इलाके में रोजगार की तलाश में जाने लगा. इस बार सीजन में वह अपने 15 वर्षीय बेटे संदीप को भी साथ ले गया. कुछ दिन बीतने के बाद संतोष अपने बेटे संदीप को ठेकेदार के पास कश्मीर में छोड़कर 1 माह पूर्व खेती किसानी के लिए गांव आ गया। इसी दौरान बीते 14 जुलाई को संदीप ध्रुव, साहिल खान नाम के अपने कश्मीरी दोस्त के साथ सेब के बागान घूमने गया था. वहां से लौटते वक्त सड़क किनारे एक चमकीली चीज दिखी. इसे संदीप के द्वारा उठाते ही उसमें तेज आवाज के साथ धमाका हुआ. इस धमाके में संदीप के दाएं हाथ के चिथड़े उड़ गए. धमाके में उसके दोनों आंखों की रोशनी भी चली गई. पैर,जांघ और पेट भी पूरी तरह से झुलस गए. संदीप का पहले कुलगांव के अस्पताल में उसके बाद श्रीनगर में इलाज कराया गया. घटना के बाद कश्मीर स्थित ठेकेदार के द्वारा संदीप के पिता संतोष को मामले की जानकारी दी गई इसके बाद सूचना पाकर 22 अगस्त को किसी तरह संतोष अपने घायल बेटे संदीप को लेकर गांव कोसाबाड़ी पहुंचा।
बाइट-1-संदीप ध्रुव (घायल),,,(पीले रंग की टीशर्ट)
बाइट-2-संतोष ध्रुव(घायल का पिता),,,,(हरे रंग की टीशर्ट)

संतोष की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है उसके पास अपने घायल बेटे का इलाज कराने तक को पैसे नहीं है. ऐसे में वह बेटे को घर में रखकर ही घरेलू इलाज करा रहा है. वहीं अब संतोष अपने बेटे की मदद के लिए सरकार से गुहार भी लगा रहा है. वहीं पूरे मामले को लेकर गांव के लोग भी सरकार से संदीप की मदद की मांग कर रहे हैं।
बाइट-3-संतोष ध्रुव (घायल के पिता)
बाइट-4-वासुदेव सिंह(ग्रामवासी),,,(चश्मा पहने हुए)



Conclusion: बताया जा रहा है कि जिस विस्फोटक में यह हादसा हुआ वह हैंड ग्रेनेड था. जो कि भारतीय सेना के कैंप से तकरीबन 1 किलोमीटर दूरी पर सड़क किनारे पड़ा था. आशंका जताई जा रही है कि भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाने के लिए यह हैंड ग्रेनेड फेंका गया था लेकिन बम नहीं फटा और कुछ समय बाद संदीप इसका शिकार हो गया. हालांकि गंभीर रूप से घायल संदीप इस मामले पर ज्यादा खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहा है लेकिन उसके जेहन में अभी भी वह घटना बनी हुई है।

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
Last Updated : Sep 3, 2019, 9:27 AM IST
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