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मुंगेली: सेना का जवान रिटायर होकर लौटा तो लोगों ने प्यार की बरसात कर दी

मुंगेली के कुधुरताल में रहने वाले कमल नारायण साहू 17 साल देश की सेना में सेवा देने के बाद रिटायर होकर अपने घर लौटे तो लोगों ने बड़े सम्मान के साथ उनका स्वागत किया.

कमल नारायण साहू
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Published : Apr 3, 2019, 9:37 PM IST

कमल नारायण साहू
मुंगेली: सेना के नाम पर भले ही देश की सियासत इन दिनों गरमायी हुई हो लेकिन जवानों को लेकर आम लोगों के मन में कितना सम्मान है, इसका एक नजारा मुंगेली में देखने को मिला. मुंगेली के कुधुरताल में रहने वाले कमल नारायण साहू 17 साल देश की सेना में सेवा देने के बाद रिटायर होकर अपने घर लौटे तो लोगों ने बड़े सम्मान के साथ उनका स्वागत किया.
इनके स्वागत के लिए मुंगेली में हर दल और हर तबके के लोगों ने पलकें बिछाकर गाजे-बाजे और आतिशबाजी के साथ अपने जवान का स्वागत किया.

कमल नारायण साहू बताते हैं कि 11 जनवरी 2002 को आर्मी एयर डिफेंस में गनर के पद पर पदस्थ हुए थे. जिसके बाद वे फिरोजपुर कैंट, श्रीनगर ओल्ड एयरफील्ड और गुजरात के कच्छ इलाके में लंबे समय तक रहे. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राइफल में 2 बार 6 साल तक अपनी सेवा भी दे चुके हैं.
उनकी सेवा के लिए समय-समय पर ओपी पराक्रम, तीन बार ओपी रक्षक, समिति स्पेशल सर्विस मेडल और सैन्य सेवा मेडल से भारतीय सेना ने सम्मानित भी किया है.

देश की सेवा कर वापस लौटे कमल नारायण अपने स्वागत से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. वहीं कमल नारायण के इस तरह के स्वागत को देखकर उनके पिता की आंखे खुशी से भर आई. उनेक पिता ने लोगों का शुक्रिया किया. वहीं देश की सेना में सेवा कर चुके जिले के ही एक अन्य फौजी संतोष साहू सेना के प्रति जमकर सराहना की.

कमल नारायण साहू
मुंगेली: सेना के नाम पर भले ही देश की सियासत इन दिनों गरमायी हुई हो लेकिन जवानों को लेकर आम लोगों के मन में कितना सम्मान है, इसका एक नजारा मुंगेली में देखने को मिला. मुंगेली के कुधुरताल में रहने वाले कमल नारायण साहू 17 साल देश की सेना में सेवा देने के बाद रिटायर होकर अपने घर लौटे तो लोगों ने बड़े सम्मान के साथ उनका स्वागत किया.
इनके स्वागत के लिए मुंगेली में हर दल और हर तबके के लोगों ने पलकें बिछाकर गाजे-बाजे और आतिशबाजी के साथ अपने जवान का स्वागत किया.

कमल नारायण साहू बताते हैं कि 11 जनवरी 2002 को आर्मी एयर डिफेंस में गनर के पद पर पदस्थ हुए थे. जिसके बाद वे फिरोजपुर कैंट, श्रीनगर ओल्ड एयरफील्ड और गुजरात के कच्छ इलाके में लंबे समय तक रहे. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राइफल में 2 बार 6 साल तक अपनी सेवा भी दे चुके हैं.
उनकी सेवा के लिए समय-समय पर ओपी पराक्रम, तीन बार ओपी रक्षक, समिति स्पेशल सर्विस मेडल और सैन्य सेवा मेडल से भारतीय सेना ने सम्मानित भी किया है.

देश की सेवा कर वापस लौटे कमल नारायण अपने स्वागत से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. वहीं कमल नारायण के इस तरह के स्वागत को देखकर उनके पिता की आंखे खुशी से भर आई. उनेक पिता ने लोगों का शुक्रिया किया. वहीं देश की सेना में सेवा कर चुके जिले के ही एक अन्य फौजी संतोष साहू सेना के प्रति जमकर सराहना की.

Intro:सेना के जवान के आने पर उमड़ पड़ा शहर,सभी दलों के लोगों ने आतिशबाजी और गाजे-बाजे के साथ किया जोरदार स्वागत


Body:मुंगेली- सेना के नाम पर भले ही देश की सियासत इन दिनों गरमायी हो लेकिन सेना को लेकर आम लोगों के मन में कितना सम्मान है इसका एक नजारा मुंगेली जिले के लोरमी इलाके में देखने को मिला. दरअसल मामला सेना के जवान के रिटायरमेंट के बाद अपने घर वापसी का था. जवान के सम्मान में लोरमी इलाके में हर दल और हर तबके के लोगों ने पलकें बिछाकर गाजे-बाजे और आतिशबाजी के साथ अपने जवान का स्वागत किया. लोरमी के कुधुरताल में रहने वाले कमल नारायण साहू 17 साल देश की सेना में सेवा देने के बाद रिटायर होकर अपने घर लौटे. इस दौरान लोरमीवासियों ने अपने जवान का यहां भव्य स्वागत किया. लोगों ने रामहेपुर से लेकर रानीगांव गांव तक जगह-जगह फूल माला पहनाकर और फूल बरसा कर अपने लाडले का अभिनंदन किया. कमल नारायण साहू 11 जनवरी 2002 को आर्मी एयर डिफेंस में गनर के पद पर पदस्थ हुए थे. जिसके बाद वह फिरोजपुर कैंट, श्रीनगर ओल्ड एयरफील्ड और गुजरात के कच्छ इलाके में लंबे समय तक रहे. कमल नारायण राष्ट्रीय राइफल में 2 बार 6 वर्ष की सेवा भी दे चुके हैं. कमल नारायण को उनकी सेवा के लिए समय-समय पर ओपी पराक्रम, तीन बार ओपी रक्षक, समिति स्पेशल सर्विस मेडल और सैन्य सेवा मेडल से भारतीय सेना के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. देश की सेवा कर वापस लौटे कमल नारायण अपने स्वागत से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. वही कमल नारायण के इस तरह के स्वागत को देखकर उनके पिता की आंखे खुशी से भर आयी।कमलनारायण की बुजुर्ग पिता परसराम साहू अपने बेटे के इस स्वागत के लिए लोरमी के लोगों का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।वहीं देश की सेना में सेवा कर चुके लोरमी के ही एक अन्य फौजी संतोष साहू सेना के प्रति लोरमीवासियों के सम्मान की जमकर सराहना कर रहे है।


Conclusion:बाइट-1-कमलनारायण साहू (रिटायर्ड फौजी),,,(माला पहने हुए)
बाइट-2-परसराम साहू (रिटायर्ड फौजी के पिता)..(बुजुर्ग व्यक्ति)
बाइट-3-संतोष साहू (रिटायर्ड फौजी)...(टीशर्ट पहने हुए)

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
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