मुंगेली: मुंगेली के लोरमी से चौंकाने वाला राजनीतिक घटनाक्रम हुआ. यहां नगर पंचायत उपाध्यक्ष अनुराग दास ने रिजाइन कर दिया है. यहां बीजेपी खेमे की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही थी. उससे पहले ही कांग्रेसी नेता इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है.
लोरमी नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा:बीजेपी खेमे से अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही थी. इसी बीच लोरमी नगर पंचायत के उपाध्यक्ष अनुराग दास ने अपने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सबको हैरत में डाल दिया. अनुराग दास कांग्रेस खेमे के समर्थन से लोरमी नगर पंचायत के उपाध्यक्ष बने थे. बताया जा रहा है कि जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी थी. उसके बाद अनुराग दास को हटाने की मांग चल रही थी. इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही थी. इसी बीच उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
साल 2019 में हुआ था नगर पंचायत का चुनाव: साल 2019 में नगर पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ था. अनुराग दास लोरमी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 3 से पार्षद निर्वाचित हुए थे.जिसके बाद उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हुए मतदान में उन्हें जीत मिली थी. वहीं बीते सालभर के अंदर नगर पंचायत में हुए सियासी उठा पटक में बीजेपी के पार्षदों की संख्या 5 से बढ़कर 8 हो गई. दूसरी तरफ कांग्रेस के 6 जबकि जेसीसीजे के मात्र 1 पार्षद ही रह गए है. ऐसे में नंबर गेम के आधार पर बीजेपी बहुमत में आ गई है. यही वजह है जो इस्तीफे का कारण मानी जा रही है. अनुराग दास का कहना है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है.
2019 में कैसा था लोरमी का समीकरण: साल 2019 के निकाय चुनाव में लोरमी के अंदर 15 वार्डों में से 6 वार्डों में कांग्रेस को जीत मिली थी. जबकि बीजेपी को पांच वार्डों में जी हासिल हुई थी. जेसीसीजे की तरफ से चार पार्षद चुने गए थे. इनमें अध्यक्ष पद के चुनाव में उलटफेर हुआ था. इसके बावजूद अंकिता रवि शुक्ला जीतने में सफल हुई थी. वहीं उपाध्यक्ष पद पर 15 वोटों में से कांग्रेस के अनुराग दास और भाजपा के राजेंद्र सलूजा दोनों को 7-7 मत मिले थे. जबकि 1 वोट रिजेक्ट हुआ था. ऐसे में टाई होने के चलते पर्ची से फैसला हुआ.जिसमे अनुराग दास को जीत मिली.
2023 में बदल गया समीकरण: लोरमी नगर पंचायत में साल 2023 में बड़ी तब्दीली देखने को मिली. जेसीसीजे के 4 पार्षदों में से 3 ने बीजेपी में प्रवेश कर लिया है. ज बकि एक ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. एक कांग्रेसी पार्षद ने जेसीसीजे में प्रवेश किया.ऐसे में अब भाजपा के 8 पार्षद हो चुके हैं. कांग्रेस के 6 जबकि 1 पार्षद जेसीसीजे में है.