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पार्टी विरोधी काम करने पर बीजेपी पार्षदों की हो गई छुट्टी

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Published : May 26, 2022, 6:22 PM IST

Updated : May 27, 2022, 12:14 PM IST

नगरपंचायत मुंगेली में बीजेपी ने पार्टी से 6 पार्षदों को निष्कासित किया है. इन सभी पर पार्टी विरोधी काम करने के आरोप लगे (BJP councilors got leave for doing anti party work) थे.

BJP councilors got leave for doing anti-party work
पार्टी विरोधी काम करने पर बीजेपी पार्षदों की हो गई छुट्टी

मुंगेली :पार्टी विरोधी कार्य करने को लेकर प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री ने मुंगेली नगर पालिका के 5 भाजपा पार्षदों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है. इन सभी पार्षदों पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप था. सभी 5 पार्षदों पर अनुशासन हीनता की कार्यवाई प्रदेश संगठन मंत्री ने (Action on councilors in Mungeli municipality) की है.

पार्टी विरोधी काम करने पर बीजेपी पार्षदों की हो गई छुट्टी

क्या है पूरा मामला : एक वर्ष पूर्व मुंगेली नगर पालिका के परमहंस वार्ड में बिना काम किए 13 लाख रुपया ठेकेदार को देने के मामले की शिकायत हुई थी. जिसमे कलेक्टर ने मामले की जाँच कराई. इस मामले में नगर पालिका के अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को भी आरोपी बनाया (Expulsion of six BJP councilors in Mungeli ) गया . अध्यक्ष संतुलाल को दोषी मानते हुए राज्य शासन ने नगर पालिका अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर नगर पालिका मुंगेली में फिर से चुनाव करवाए. उक्त मामले में राज्य शासन ने एकतरफा कार्रवाई की थी.जिसमें बीजेपी के सभी 5 पार्षदों पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगा.


बीजेपी ने मामले में क्या किया : इस मामले की भाजपा संगठन ने जांच की और पांच बीजेपी पार्षदों की संलिप्तता पाई. जिन पर अनुशासन हीनता की कार्यवाई करते हुए भारतीय जनता पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है. वहीं कुछ अन्य पदाधिकारी के क्रियाकलाप पार्टी विरोधी सुने जाने पर उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.



निष्कासन के बाद पार्षदों का रुख क्या : वहीं भाजपा के 6 वर्षों के लिए निष्कासन की कार्यवाई से पीड़ित नगर पालिका मुंगेली के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह सहित सभी पार्षदों का कहना है कि ''उन पर लगाए गए अनुशासन हीनता का आरोप बेबुनियाद है. कार्यवाई विधि सम्मत नही हुई (BJP councilors got leave for doing anti party work) है. उन्हें पार्टी से निकालने से पहले अपने पक्ष रखने का मौका नही दिया गया. राज्य शासन ने जिस तरह मुंगेली नगर पालिका के पृर्व अध्यक्ष पर उनके पक्ष बिना सुने एकतरफा कार्यवाई की है. वैसे ही हमारी पार्टी ने हमारा पक्ष सुने बिना हमें 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया है जो गलत है.

नगरपालिका अध्यक्ष का क्या है बयान : वहीं इस मामले को लेकर नगर पालिका के कांग्रेस पार्टी से वर्तमान अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि '' मुंगेली नगर पालिका के उप चुनाव में प्रदेश सरकार पर भरोसा कर अल्प मत के बाद भी कांग्रेस को भारी बहुमत मिला. ये हमारी सरकार की उपलब्धि है. भाजपा पार्षदों पर कार्यवाई उनके पार्टी की अंदरूनी मामला है. कांग्रेस पार्टी पर नगर पालिका मुंगेली के उप चुनाव में पार्षदों के खरीदी का आरोप बेबुनियाद है.''

मुंगेली :पार्टी विरोधी कार्य करने को लेकर प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री ने मुंगेली नगर पालिका के 5 भाजपा पार्षदों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है. इन सभी पार्षदों पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप था. सभी 5 पार्षदों पर अनुशासन हीनता की कार्यवाई प्रदेश संगठन मंत्री ने (Action on councilors in Mungeli municipality) की है.

पार्टी विरोधी काम करने पर बीजेपी पार्षदों की हो गई छुट्टी

क्या है पूरा मामला : एक वर्ष पूर्व मुंगेली नगर पालिका के परमहंस वार्ड में बिना काम किए 13 लाख रुपया ठेकेदार को देने के मामले की शिकायत हुई थी. जिसमे कलेक्टर ने मामले की जाँच कराई. इस मामले में नगर पालिका के अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को भी आरोपी बनाया (Expulsion of six BJP councilors in Mungeli ) गया . अध्यक्ष संतुलाल को दोषी मानते हुए राज्य शासन ने नगर पालिका अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर नगर पालिका मुंगेली में फिर से चुनाव करवाए. उक्त मामले में राज्य शासन ने एकतरफा कार्रवाई की थी.जिसमें बीजेपी के सभी 5 पार्षदों पर पार्टी विरोधी कार्य करने का आरोप लगा.


बीजेपी ने मामले में क्या किया : इस मामले की भाजपा संगठन ने जांच की और पांच बीजेपी पार्षदों की संलिप्तता पाई. जिन पर अनुशासन हीनता की कार्यवाई करते हुए भारतीय जनता पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है. वहीं कुछ अन्य पदाधिकारी के क्रियाकलाप पार्टी विरोधी सुने जाने पर उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.



निष्कासन के बाद पार्षदों का रुख क्या : वहीं भाजपा के 6 वर्षों के लिए निष्कासन की कार्यवाई से पीड़ित नगर पालिका मुंगेली के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह सहित सभी पार्षदों का कहना है कि ''उन पर लगाए गए अनुशासन हीनता का आरोप बेबुनियाद है. कार्यवाई विधि सम्मत नही हुई (BJP councilors got leave for doing anti party work) है. उन्हें पार्टी से निकालने से पहले अपने पक्ष रखने का मौका नही दिया गया. राज्य शासन ने जिस तरह मुंगेली नगर पालिका के पृर्व अध्यक्ष पर उनके पक्ष बिना सुने एकतरफा कार्यवाई की है. वैसे ही हमारी पार्टी ने हमारा पक्ष सुने बिना हमें 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया है जो गलत है.

नगरपालिका अध्यक्ष का क्या है बयान : वहीं इस मामले को लेकर नगर पालिका के कांग्रेस पार्टी से वर्तमान अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि '' मुंगेली नगर पालिका के उप चुनाव में प्रदेश सरकार पर भरोसा कर अल्प मत के बाद भी कांग्रेस को भारी बहुमत मिला. ये हमारी सरकार की उपलब्धि है. भाजपा पार्षदों पर कार्यवाई उनके पार्टी की अंदरूनी मामला है. कांग्रेस पार्टी पर नगर पालिका मुंगेली के उप चुनाव में पार्षदों के खरीदी का आरोप बेबुनियाद है.''

Last Updated : May 27, 2022, 12:14 PM IST

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