गांव में भालू घुसने की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई है, लेकिन दोनों ही टीमें घंटों इंतजार के बाद मौके पर पहुंची. इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ भालू को गांव में चारों तरफ दौड़ाती रही. लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद भालू फार्म हाउस से निकलकर बिलासपुर-लोरमी मुख्य मार्ग पर गांव के ही एक घर में छिप गया. भालू यहां एक कमरे में जान बचाकर घुसा, जिसके बाद उसे बाहर से बंद कर दिया गया.
मौके पर एक्सपर्ट्स की टीम
वहीं पूरे मामले की सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है. इसके बाद बिलासपुर के कानन पेंडारी जू से एक्सपर्ट की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया. गौरतलब है कि लोरमी इलाके में इस वर्ष सूखे के चलते जंगल के अंदर पानी के सारे स्रोत लगभग सूख गए हैं, जिस कारण जानवर रहवासी इलाके में आने को मजबूर हैं. वहीं जिस जगह पर भालू देखा गया है वो अचानकमार टाइगर रिजर्व के नाम से महज कुछ किलोमीटर ही दूरी पर है.
ATR अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
एटीआर बफर जोन के एसडीओ एमके राय के मुख्यालय में होने के बावजूद भालू देखे जाने की सूचना पर मौके पर नहीं पहुंचे. ऐसे में एटीआर के जिम्मेदार अधिकारी जंगली जानवरों की सुरक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.