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लोरमी : छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के फार्म हाउस में घुसा भालू, ग्रामीणों में दहशत

लोरमी : जूनापारा इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब गांव के लोगों ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष दिवंगत राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के फार्म हाउस में एक भालू को देखा. भालू फार्म हाउस के अंदर गेहूं के खेत में छिपा हुआ था. भालू के रिहायशी बस्ती में घुसे होने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के फार्म हाउस में घुसा भालू
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Published : Feb 27, 2019, 7:41 PM IST

गांव में भालू घुसने की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई है, लेकिन दोनों ही टीमें घंटों इंतजार के बाद मौके पर पहुंची. इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ भालू को गांव में चारों तरफ दौड़ाती रही. लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद भालू फार्म हाउस से निकलकर बिलासपुर-लोरमी मुख्य मार्ग पर गांव के ही एक घर में छिप गया. भालू यहां एक कमरे में जान बचाकर घुसा, जिसके बाद उसे बाहर से बंद कर दिया गया.

वीडियो


मौके पर एक्सपर्ट्स की टीम
वहीं पूरे मामले की सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है. इसके बाद बिलासपुर के कानन पेंडारी जू से एक्सपर्ट की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया. गौरतलब है कि लोरमी इलाके में इस वर्ष सूखे के चलते जंगल के अंदर पानी के सारे स्रोत लगभग सूख गए हैं, जिस कारण जानवर रहवासी इलाके में आने को मजबूर हैं. वहीं जिस जगह पर भालू देखा गया है वो अचानकमार टाइगर रिजर्व के नाम से महज कुछ किलोमीटर ही दूरी पर है.


ATR अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
एटीआर बफर जोन के एसडीओ एमके राय के मुख्यालय में होने के बावजूद भालू देखे जाने की सूचना पर मौके पर नहीं पहुंचे. ऐसे में एटीआर के जिम्मेदार अधिकारी जंगली जानवरों की सुरक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

गांव में भालू घुसने की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई है, लेकिन दोनों ही टीमें घंटों इंतजार के बाद मौके पर पहुंची. इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ भालू को गांव में चारों तरफ दौड़ाती रही. लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद भालू फार्म हाउस से निकलकर बिलासपुर-लोरमी मुख्य मार्ग पर गांव के ही एक घर में छिप गया. भालू यहां एक कमरे में जान बचाकर घुसा, जिसके बाद उसे बाहर से बंद कर दिया गया.

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मौके पर एक्सपर्ट्स की टीम
वहीं पूरे मामले की सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है. इसके बाद बिलासपुर के कानन पेंडारी जू से एक्सपर्ट की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया. गौरतलब है कि लोरमी इलाके में इस वर्ष सूखे के चलते जंगल के अंदर पानी के सारे स्रोत लगभग सूख गए हैं, जिस कारण जानवर रहवासी इलाके में आने को मजबूर हैं. वहीं जिस जगह पर भालू देखा गया है वो अचानकमार टाइगर रिजर्व के नाम से महज कुछ किलोमीटर ही दूरी पर है.


ATR अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल
एटीआर बफर जोन के एसडीओ एमके राय के मुख्यालय में होने के बावजूद भालू देखे जाने की सूचना पर मौके पर नहीं पहुंचे. ऐसे में एटीआर के जिम्मेदार अधिकारी जंगली जानवरों की सुरक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Intro:छत्तीसगढ़ के पहले विधानसभा अध्यक्ष के फार्म हाउस में घुसा भालू,भीड़ के आगे तमाशबीन नज़र आयी पुलिस और वनविभाग


Body:लोरमी: लोरमी से लगे जूनापारा इलाके में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब गांव के लोगों ने दिवंगत कांग्रेसी नेता और छत्तीसगढ़ के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के फार्महाउस में एक भालू को देखा। भालू फार्म हाउस के अंदर गेहूं के खेत में छिपा हुआ था। गांव में भालू के रिहायशी बस्ती में घुसे होने की खबर आग की तरह फैल गयी। जिसके बाद ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। गांव में भालू घूसने की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई, लेकिन हमेशा की तरह दोनों ही टीमें घंटों इंतजार के बाद मौके पर पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ भालू को गांव में चारों तरफ दौड़ती रही। भालू जान बचाकर जिधर जाता उन्मादी भीड़ भालू के पीछे दौड़ पड़ती। लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद भालू फार्महाउस से निकलकर बिलासपुर-लोरमी मुख्य मार्ग पर गांव के ही एक घर में छिप गया है. भालू यहां एक कमरे में जान बचाकर घुसा, जिसके बाद उसे बाहर से बंद कर दिया गया है. वही पूरे मामले की सूचना वन विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है. जिसके बाद बिलासपुर के कानन पेंडारी जू से एक्सपर्ट की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया है. गौरतलब है कि लोरमी इलाके में इस वर्ष सूखे के चलते जंगल के भीतर पानी के सारे स्रोत लगभग सूखे पड़े हैं ऐसे में गर्मी की शुरुआत में ही पानी की तलाश में जंगल से निकलकर रिहायशी बस्तियों की ओर रुक कर रहे हैं।


Conclusion:असंवेदनशील नज़र अफसर
जिस जगह पर भालू निकला है उससे महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व जिसे अचानकमार टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता है का बफर जोन का इलाका स्थित है। जहां से अक्सर जानवर निकल कर रिहायशी बस्ती की ओर पहुंच जाते हैं। गांव में जानवर घुसे होने की सूचना एटीआर के जिम्मेदार अफसरों को मिलने के बाद भी वह मौके पर पहुंचना मुनासिब नहीं समझे। एटीआर बफर जोन के एसडीओ एमके राय मुख्यालय में होने के बावजूद महज 4 किलोमीटर दूर भालू देखे जाने की सूचना के बावजूद अपने कार्यालय में जमे रहे। ऐसे में एटीआर के जिम्मेदार अधिकारी जंगली जानवरों की सुरक्षा के प्रति कितने संवेदनशील हैं इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
बाइट-1-प्रताप जायसवाल(सरपंच,जूनापारा)...(आसमानी रंग की शर्ट)
बाइट-2-कविता ध्रुव(टीआई)...(वर्दी में)
बाइट-3-सुरेश राठौर (डिप्टी रेंजर)
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