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मनेंद्रगढ़ में आयुष्मान हेल्थ योजना के प्रोत्साहन राशि में गबन का गंभीर आरोप

Scammers broke into Ayushman scheme in Manendragarhमनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. आरोप है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का गबन किया जा रहा है. शिकायत के बाद भी विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी मामले पर पर्दा डालने में जुटे हैं. Employees on maternity leave are also getting money

Scam in Ayushman scheme
आयुष्मान के प्रोत्साहन राशि में घोटाला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 14, 2023, 6:11 PM IST

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में आयुष्मान योजना के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को मिली रही प्रोत्साहन राशि के वितरण में भारी गड़बड़ी की जा रही है. बीते तीन सालों से इसकी शिकायत भी वक्त वक्त पर हो रही है, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर आरोप है कि वो कार्रवाई के नाम पर बच रहे हैं. सरकारी नियमों के मुताबिक रुरल मेडिकल असिस्टेंट को पर्ची में दवा लिखने और मरीजों को भर्ती की करने का अधिकार नहीं है. आरोप है कि पदनाम बदलकर सहायक चिकित्सा अधिकारी बताकर घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है. लाखों रुपए का फर्जी भुगतान भी घोटालेबाजों के द्वारा कराने का आरोप है.

घोटाले के लिए नियमों की उड़ाई धज्जियां: जानकारी के मुताबिक, कर्मचारियों के भुगतान में भारी अनियमितता भी पकड़ी गई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंटल शाखा में आयुष्मान कार्ड से इलाज का कोई प्रावधान नहीं है. बावजूद इसके डेंटल सर्जन को रोजना 250 रुपए का भुगतान किया गया. डेंटल असिस्टेंट को तो लाखों रुपए का फर्जी भुगतान किए जाने का आरोप भी है. स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले ड्रेसर्स को मिलने वाली राशि में बड़ा हेरे फेर सामने आया है. कुछ ड्रेसर्स को 2 हजार से लेकर 4 हजार तक दिया जा रहा है. आरोप है कि एक ड्रेसर को तो 73000 से ज्यादा का फर्जी भुगतान हुआ है.

टेक्निकल कर्मचारी कर रहे क्लर्क का काम: टेक्निकल वर्क करने वाले कर्मचारी अपने मूल पद का काम नहीं कर आला अफसरों के संरक्षण में क्लर्क का काम कर रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों को बना कार्य का टेक्निशियन दिखाकर लाखों का फर्जीवाड़ा किए जाने का भी आरोप है. बीते साल से जो टेक्निशियन मैटरनिटी लीव पर है, उनको भी भुगतान किया जाना दिखाया गया है.

पूरे फर्जीवाड़ी की शिकायत प्रमाणित दस्तावेज के आधार पर कई बार ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, चीफ मेडिकल ऑफिसर और कलेक्टर को गई. बावजूद इसके आज तक कार्रवाई न होने से कर्मचारी निराश और आक्रोशित हैं. 15 दिनों के अन्दर जांच अगर नहीं की गई और दोषियों को नहीं पकड़ा गया तो हम काम बंद कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे. - प्रवीण कुमार सिंह, अध्यक्ष,छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

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घोटाले के लिए नियमों की उड़ाई धज्जियां: जानकारी के मुताबिक, कर्मचारियों के भुगतान में भारी अनियमितता भी पकड़ी गई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंटल शाखा में आयुष्मान कार्ड से इलाज का कोई प्रावधान नहीं है. बावजूद इसके डेंटल सर्जन को रोजना 250 रुपए का भुगतान किया गया. डेंटल असिस्टेंट को तो लाखों रुपए का फर्जी भुगतान किए जाने का आरोप भी है. स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले ड्रेसर्स को मिलने वाली राशि में बड़ा हेरे फेर सामने आया है. कुछ ड्रेसर्स को 2 हजार से लेकर 4 हजार तक दिया जा रहा है. आरोप है कि एक ड्रेसर को तो 73000 से ज्यादा का फर्जी भुगतान हुआ है.

टेक्निकल कर्मचारी कर रहे क्लर्क का काम: टेक्निकल वर्क करने वाले कर्मचारी अपने मूल पद का काम नहीं कर आला अफसरों के संरक्षण में क्लर्क का काम कर रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों को बना कार्य का टेक्निशियन दिखाकर लाखों का फर्जीवाड़ा किए जाने का भी आरोप है. बीते साल से जो टेक्निशियन मैटरनिटी लीव पर है, उनको भी भुगतान किया जाना दिखाया गया है.

पूरे फर्जीवाड़ी की शिकायत प्रमाणित दस्तावेज के आधार पर कई बार ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, चीफ मेडिकल ऑफिसर और कलेक्टर को गई. बावजूद इसके आज तक कार्रवाई न होने से कर्मचारी निराश और आक्रोशित हैं. 15 दिनों के अन्दर जांच अगर नहीं की गई और दोषियों को नहीं पकड़ा गया तो हम काम बंद कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे. - प्रवीण कुमार सिंह, अध्यक्ष,छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

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