डिजिटल इंडिया के जमाने में रत्न सागर ने महज 10 हजार रुपए और एक कंप्यूटर सेटअप से साल 2011-12 में काम शुरू किया और धीरे-धीरे काम आगे बढ़ाया. इस दौरान उसे प्रधानमंत्री रोजगार योजना के बारे में पता चला. इसके बाद रत्नसागर ने 8 लाख रुपए का लोन लेकर शहर के बीच एक ग्लोबल आईटी च्वॉइस सेंटर खोला. च्वॉइस सेंटर में रत्न सागर ने डबल कंप्यूटर रखे ताकि कस्टमर को कोई असुविधा न हो.
सूचना प्रसारण मंत्री द्वारा किया गया पुरस्कृत
ग्लोबल आईटी के चलते सूचना प्रसारण मंत्री द्वारा रत्न सागर को इस पहल के लिए पुरस्कृत किया गया है. वे कई बेरोजगारों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रहे हैं. आज रत्न सागर के महीने का टर्न ओवर एक करोड़ से भी ऊपर है. इसके साथ ही वो अपने कर्मचारियों को डेढ़ लाख रुपए वेतन दे रहे हैं.
बेरोजगारी को जड़ से मिटाना चाहते हैं
रत्न सागर अग्रवाल का कहना है कि, 'सरकार की योजनाओं का फायदा उठाया जाए और थोड़ा सब्र रखा जाए तो बहुत अच्छे काम किए जा सकते हैं'. उन्होंने बताया कि, 'वे आगे भी ऐसा ही काम करना चाहते हैं जिससे युवा साथियों को रोजगार मिले'.