महासमुंद: अगर मन में कोई कुछ ठान ले, तो कुछ भी कर सकता है. महासमुंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के जज़्बे ने इनकी जिंदगी बदल दी. ये समाज के लिए एक मिसाल बनकर उभरी हैं. दरअसल ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का लाभ महासमुंद जिले के हजारों लोगों को हो रहा है. इस योजना से फायदा लेकर यहां की महिलाएं अपनी तकदीर बदल रही हैं. जो महिलाएं कभी रोजगार के लिए भटकती थीं और महीने में 15 दिन ही रोजगार पाती थीं, वे इस योजना के तहत स्वसहायता समूह बनाकर खुद का कुटीर उद्योग संचालित कर रही हैं.
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महासमुंद जनपद पंचायत में 1200 महिला स्वसहायता समूह
महासमुंद जनपद पंचायत में 1200 महिला स्वसहायता समूह हैं. इन महिला स्वसहायता समूह से 13 हजार 200 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिनमें से 332 महिला स्वसहायता समूहों को 4 करोड़ 38 लाख 30 हजार का ऋण विभिन्न बैंकों से दिया गया है. इन्हीं में से एक है ओम महिला स्वसहायता समूह बिरकोनी. इस समूह से 20 महिलाएं जुड़ी हैं. ओम महिला स्वसहायता समूह का गठन 2018 में हुआ था. शुरुआती दौर में इन महिलाओं ने 100 रुपए हर महीने इकट्ठा कर बैंक में खाता खुलवाया. इसके बाद इन्होंने छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से 2 लाख का लोन लिया और उससे एक दुकान खोलकर छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाना शुरू किया. इसके बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों ने इन्हें देना आरसीटी के माध्यम से आर्टिफिशियल ज्वेलरी एंड टेडी बियर बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिलाया.
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महिलाएं बना रही हैं हर्बल गुलाल
अब होली के त्योहार को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय ने इन महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया है. जिसके बाद इस समूह की महिलाएं छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ इन दिनों पालक, लाल भाजी, हल्दी और अरारोट से हर्बल गुलाल बना रही हैं.
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1 किलो हर्बल गुलाल बनाने में इन महिलाओं को 70 रुपए खर्च करने पड़ते हैं, जिसे ये 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचती हैं. ये समूह अभी तक 5 किलो हर्बल गुलाल बना चुका है और इन्हें भिलाई, महासमुंद समेत अन्य जगहों से हर्बल गुलाल बनाने का ऑर्डर भी मिला है. ओम स्वसहायता समूह ने 2 लाख का लोन लिया है, जिसमें से हर महीने 18000 की किस्त वो चुकाता है. इसके अलावा समूह की जिस भी सदस्य को पैसों की जरूरत पड़ती है, उन्हें 2% के ब्याज दर पर लोन भी देता है.
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आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का लक्ष्य
महासमुंद जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुदर्शन बगर्ती का कहना है कि गरीब महिलाओं का समूह बनाकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ ही उन्हें स्वावलंबी बनाना ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य है. महासमुंद जिले में कुल 5000 महिला स्वसहायता समूह हैं, जिनमें 55 हजार गरीब महिलाएं जुड़कर मोमबत्ती, फिनाइल, वॉशिंग पाउडर, मिट्टी के बर्तन, बांस की वस्तुएं बनाकर जीविकोपार्जन कर रही हैं.
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