महासमुंद : जिले में ब्याज पर पैसा चलाकर गरीबों को मौत के मुंह तक ले जाने वालों की कमी नहीं है. कई पीड़ित साहूकारों के चंगुल में फंसकर अपनी जान गवां बैठे हैं. लेकिन ऐसे सूदखोरों के खिलाफ कानून का रवैया सुस्त है.यही वजह है कि पीड़ित परिवार सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सड़क पर धरना देने के लिए मजबूर हैं.
सूदखोरों के कारण आत्महत्या की बात : सूदखोरों के कारण महासमुंद के एक व्यक्ति राजेश ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी गई थी.लेकिन अभी तक आरोपी सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हो सका है. महासमुंद नगर के वार्ड क्रमांक 14 की महिला अपने दो छोटे- छोटे बच्चे और अपनी बूढ़ी मां को लेकर कलेक्टोरेट के मेन गेट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई है.महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस उसके पति राजेश के मौत के जिम्मेदार दोषियों पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है.
क्या है मामला : महासमुंद नगर के वार्ड क्रमांक 14 की रहने वाली हीरामोती चौहान के पति राजेश चौहान ने 19 जनवरी 2023 को साहूकारों के कर्ज वसूली और मारपीट से तंग आकर फांसी लगा ली थी. मृतक राजेश चौहान ने सुसाइड नोट में साहूकारों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.उसके बावजूद कोतवाली पुलिस ने किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की. जिसकी शिकायत पीड़ित महिला ने जिले के एसपी से भी की थी.लेकिन कोई कार्रवाई होते नहीं देख पीड़ित महिला न्याय के लिए कलेक्टोरेट गेट पर ही धरने पर बैठ गई.
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एसपी ने कही कार्रवाई की बात : पीड़ित महिला जहां दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रही हैं.वहीं महासमुंद पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट जांच के लिए गया हुआ है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी कार्रवाई की जाएगी. वहीं महिला कलेक्टोरेट के गेट से हटने को तैयार नहीं थी. उसके बाद पुलिस कप्तान ने पीड़ित महिला की बात सुनकर उन्हें जानकारी से अवगत कराया. साथ ही एक हफ्ते में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.इसके बाद महिल ने धरना खत्म किया.