महासमुंद: जिले के सिरपुर इलाके के लगभग 52 गांव में हाथियों का आतंक है. यहां हाथियों ने अब तक करोड़ों रुपये की फसलों को बर्बाद कर दिया है. इसके साथ ही हाथियों ने19 लोगों की जान भी ले ली है.
6 साल से हाथियों का आतंक झेल रहे ग्रामीण
वर्तमान में धान की फसलों मे बालियां आ गई हैं. फसल अब पकने के कगार पर है. कुछ दिनों में कटाई भी शुरु हो जाएगी. किसान सुबह के वक्त खेतों में अपनी फसलों की रखवाली कर लेते हैं. लेकिन रात मे दंतैल हाथी की वजह से वे खेतों मे नहीं रह पाते हैं. जिसकी वजह से हाथी रात में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं. बीते 6 साल से यहां के ग्रामीण हाथियों के आतंक और हमले से परेशान हैं. लेकिन वन विभाग और सरकार की तरफ से अब तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया है.
बलरामपुर में हाथियों के दल को रोकने के लिए बंद किए गए रास्ते
कोरोना और लॉकडाउन के चलते किसान अपनी फसल को काट नहीं पा रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन के कारण मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं. महासमुंद जिला इस बार कोरोना महामारी की चपेट में है. जिससे लोगों में दहशत का माहौल है, साथ ही हाथी का उत्पात किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है.
इन जिलों में भी है हाथियों का आतंक
बलरामपुर जिले में पिछले 27 मार्च से 13 हाथियों का दल रेवतपुर जंगल में डेरा जमाए हुए है. गर्मी का मौसम होने के कारण हाथी, भोजन पानी की तलाश में गांव में धावा बोल रहे हैं. साथ ही गन्ना की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बीती रात भी हाथियों ने गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाया है.